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Indira Ekadashi 2024: किस दौरान नहीं करना चाहिए इंदिरा एकादशी का पारण? जानें सही विधि और समय

सनातन धर्म में इंदिरा एकादशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। वहीं इस दिन (Indira Ekadashi 2024) को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है तो आइए पारण का समय और विधि जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 28 Sep 2024 09:26 AM (IST)
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Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी 2024 पारण विधि और समय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म के प्रमुख व्रतों में से एक एकादशी का व्रत माना जाता है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल यह एकादशी 28 सितंबर यानी आज मनाई जा रही है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कठोर उपवास का पालन करते हैं।

एकादशी माह में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती है। आज हम इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2024) के पारण का नियम और उसके समय के बारे में जानेंगे, जो इस प्रकार हैं।

इंदिरा एकादशी 2024 पारण विधि (Indira Ekadashi Vrat Parana)

  • भोर में जल्दी उठकर स्नान करें।
  • पीले और साफ वस्त्र धारण करें।
  • अपने घर और मंदिर को साफ करें।
  • भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें।
  • गोपी चंदन और हल्दी का तिलक लगाएं।
  • देसी घी का दीपक जलाएं।
  • पीले फूलों की माला अर्पित
  • घर में बनी हुई मिठाइयों और ऋतु फल का भोग लगाएं।
  • 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • भाव के साथ आरती करें।
  • पूजा पूर्ण होने के बाद व्रत का पारण प्रसाद या सात्विक भोजन से करें।
  • एकादशी व्रत द्वादशी तिथि में खोला जाता है, ऐसे में द्वादशी तिथि के दिन भोर में अपना व्रत खोल सकते हैं।

इस समय नहीं करना चाहिए एकादशी का पारण

  • अशुभ समय यानी हरि वासर और मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचें।
  • राहुकाल के दौरान भी पारण करने से बचना चाहिए।

विष्णु जी पूजन मंत्र

''1. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते''।।

''2. शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम।

विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।

लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।

वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम''।

इंदिरा एकादशी पारण समय (Indira Ekadashi Parana Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार 27 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन रविवार 28 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

इसके साथ ही 29 सितंबर को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 08 बजकर 36 मिनट के बीच व्रत का पारण किया जा सकता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।