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Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी पर की गई ये चीजें बढ़ा सकती हैं जीवन की मुश्किलें, व्रत से पहले जरूर जानें!

हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी का व्रत बेहद लाभकारी माना जाता है। हर साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से जीवन में कभी धन और दौलत की कमी नहीं रहती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं इस दिन को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन जरूर करना चाहिए।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 26 Sep 2024 12:50 PM (IST)
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Indira Ekadashi 2024: इंदिरा एकादशी पर रखें इन बातों का ध्यान।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इंदिरा एकादशी व्रत को बेहद ही शुभ माना जाता है। इस साल यह 28 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी हर शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन पड़ती है, जिनका अपना एक खास महत्व है। ऐसा कहा जाता है इस तिथि (Indira Ekadashi Ekadashi Daan 2024) पर उपवास रखने से श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। वहीं, इस दिन को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन बहुत जरूरी है, तो आइए जानते हैं।

इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2024 Vrat Niyam)

  • एकादशी के दिन अनाज का सेवन न करें। इनकी जगह फल, दूध और सात्विक भोजन भोजन कर सकते हैं।
  • इस तिथि पर शराब और मांसाहारी भोजन के सेवन से बचें।
  • इस दिन अत्यधिक खाने से बचें, भले ही वह सात्विक चीजें ही क्यों न हों।
  • अपने सेवन में संयम बनाए रखें।
  • अशुभ समय यानी हरि वासर और मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचें।
  • इस दिन वाद-विवाद करने से बचें।
  • इस दिन चावल का सेवन भूलकर भी न करें।

इंदिरा एकादशी कब है? (Indira Ekadashi 2024 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार 27 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन रविवार 28 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

इसके साथ ही 29 सितंबर को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 08 बजकर 36 मिनट के बीच व्रत का पारण किया जा सकता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।