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Jagannath Rath Yatra 2023: जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ हुए बीमार, जानिए अब कब देंगे अपने भक्तों को दर्शन

आपने इंसानों को बीमार होते तो देखा ही होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान भी बीमार पड़ते हैं। जी हां ऐसी ही मान्यता है कि साल में कुछ समय के लिए भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं और 15 दिनों तक उनका इलाज किया जाता हैं।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sat, 10 Jun 2023 10:23 AM (IST)
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Jagannath Rath Yatra 2023 Date and Time कब है जगन्नाथ रथ यात्रा।
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Jagannath Rath Yatra 2023: विश्वप्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ जी की रथ में भाग लेने के लिए देश-विदेश से लोग शामिल होते हैं। इस यात्रा की भव्यता देखते ही बनती है। यह यात्रा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन निकाली जाती है। इस रथ यात्रा के पीछे यह मान्यता चली आ रही है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंदिर जाते हैं। इस वर्ष जगन्नाथ रथ यात्रा 20 जून 2023, मंगलवार के दिन निकाली जाएगी।

क्या है इस यात्रा का इतिहास

जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 12वीं सदी से होती है। इसका विस्तृत विवरण हिंदू पवित्र ग्रंथों जैसे पद्म पुराण, ब्रह्म पुराण और स्कंद पुराण में मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन, भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ अपनी मौसी के घर से होते हुए गुंडिचा मंदिर गए थे। यह दिन अब हर साल जगन्नाथ रथ यात्रा के साथ मनाया जाता है। पुरी रथयात्रा के लिए बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ निर्मित किए जाते हैं।

क्यों बीमार पड़ जाते हैं भगवान

हर साल 15 दिनों के लिए भगवान जगन्नाथ के बीमार हो जाते हैं। इसे लेकर कई पौराणिक कथाएं चली आ रही हैं। एक मान्यता यह है कि, ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को गर्भ गृह से बाहर लाया जाता है और उन्हें सहस्त्र स्नान कराया जाता है। स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें बुखार आ जाता है। जिस कारण से वह 15 दिनों तक शयन कक्ष में विश्राम मुद्रा में रहते हैं। इस दौरान उनका विशेष ध्यान रखा जाता है। उन्हें कई प्रकार की औषधियां दी जाती है। सादा भोजन जैसे खिचड़ी इत्यादि का भोग लगाया जाता है। 15 दिनों तक वे केवल काढ़ा और फलों का जूस ही पीते हैं। सोने से पहले मीठा दूध अर्पित किया जाता है साथ ही पूरे 15 दिनों तक भगवान को शीतल लेप भी लगाया जाता है। इस दौरान मंदिर में न तो घंटी बजती है ना भक्तों को दर्शन करने की अनुमति होती है। वह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन वह अपने विश्राम कक्ष से बाहर निकलते हैं और इस दिन भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है।

नोट करें जगन्नाथ रथ यात्रा की तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 19 जून को सुबह 11:25 पर होगी और यह तिथि 20 जून को दोपहर 1:07 पर समाप्त हो जाएगी। इसलिए 19 जून को भगवान जगन्नाथ फिर से स्वस्थ हो जाएंगे और 20 जून 2023, मंगलवार के दिन भव्य रथ यात्रा द्वारा अपने भक्तों को दर्शन देंगें। रथ यात्रा का समय इस दिन रात्रि 10:04 निर्धारित किया गया है और यात्रा 21 जून को शाम 07:09 बजे समाप्त होगी।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।