Janaki Jayanti 2024: इस दिन मनाई जाएगी जानकी जयंती, सीता जी की कृपा प्राप्ति के लिए जरूर करें ये काम
हर साल पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर ही राजा जनक को संतान के रूप में सीता जी की प्राप्ति हुई थी। जनक की पुत्री होने के कारण माता सीता को जानकी भी कहा जाता है इसलिए इस दिन को जानकी जयंती के नाम से जाना जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sita Ashtami 2024 Date: माता सीता रामायण के मुख्य पात्रों में से एक हैं। उन्हें प्रभु राम की पत्नी के रूप में जाना जाता है। भगवान राम के साथ माता सीता की पूजा-अर्चना का भी विधान है। फाल्गुन माह में मनाई जाने वाली जानकी जयंती, माता सीता के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन को सीता अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। कई महिलाएं इस दिन पर घर-परिवार की सुख शांति और पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं।
जानकी जयंती का शुभ मुहूर्त
फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 03 मार्च को सुबह 08 बजकर 44 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इस तिथि का समापन 04 मार्च को सुबह 08 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में जानकी जयंती 04 मार्च, सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
किस तरह प्राप्त हुई जानकी
पौराणिक कथा के अनुसार, जब मिथिला नरेश राजा जनक के राज्य में अकाल पड़ा था, तब उस समस्या से मुक्ति पाने के लिए राजा जनक ने अपने गुरु के कहे अनुसार, एक सोने का हल बनवाया और उससे भूमि जोतने लगे। इस दौरान उन्हें दौरान एक मिट्टी के बर्तन में उन्हें कन्या मिली। कई मान्यताओं के अनुसार जोती हुई भूमि और हल की नोक को सीत कहा जाता है, इसलिए उसका नाम सीता रखा गया। मिथिला में इस दिन को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।करें ये कार्य
जानकी जयंती के शुभ अवसर पर माता सीता की कृपा प्राप्ति के लिए सुबह स्नान आदि से निवृत होने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें। शाम के समय सीता जी और राम जी का साथ में पूजन करें और आरती कर अपना व्रत खोलें। इसके बाद राम-माता सीता को भोग लगाएं और इस भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'