हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष में आनी वाली अष्टमी तिथि पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। यह तिथि इसलिए इतनी खास है क्योंकि इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन कई साधक भगवान श्रीकृष्ण के निमित्त व्रत करते हैं। ऐसे में आप इस शुभ दिन पर कुछ विशेष उपायों द्वारा कान्हा जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान श्रीकृष्ण को जगत के पालनहार भगवान विष्णु का 8वां अवतार माना गया है, जिनका जन्म द्वापर युग में देवकी के गर्भ से हुआ था। प्रत्येक वर्ष इस तिथि पर देशभर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भव्य आयोजन किए जाते हैं और भगवान कृष्ण की झांकियां भी निकाली जाती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि किस तरह आप कृष्ण जी की कृपा के पात्र बन सकते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त (Janmashtami Puja Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 26 अगस्त को रात्रि 03 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 27 अगस्त को रात्रि 02 बजकर 19 पर होने जा रहा है। ऐसे में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सोमवार, 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का मुहूर्त इस प्रकार रहेगा -
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का मुहूर्त - 27 अगस्त रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक
इस तरह करें पूजा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। अब मंदिर की सफाई कर चौकी पर भगवान कृष्ण की मूर्ति या लड्डू गोपाल जी को विराजमान करें। इसके बाद लड्डू गोपाल का दक्षिणावर्ती शंख में पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी मिलाकर) से भगवान कृष्ण का अभिषेक करें। इसके बाद पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करवाएं। अब कान्हा जी को पीले या हरे रंग के नए वस्त्र पहनाएं और उनका शृंगार करें। श्रीकृष्ण जी को गोपी चंदन व हल्दी का तिलक लगाएं। अब लड्डू गोपाल जी को उनके प्रिय माखन मिश्री का भोग लगाएं। अब कान्हा जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और ‘ओम् नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
लगाएं इन चीजों का भोग
जन्माष्टमी की पूजा के दौरान कान्हां जी को खीर, धनिया की पंजीरी, माखन मिश्री, चरणामृत आदि का भोग जरूर लगाएं। तुलसी के बिना कृष्ण जी भोग अधूरा माना जाता है, ऐसे में उनके भोग में तुलसी दल जरूर डालें। बस इस बात का ध्यान रखें कि सभी भोग सात्विक और स्वच्छ तरीके से बने होने चाहिए। कान्हा जी को भोग अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप जरूर करें। माना जाता है कि इससे भगवान आपके भोग को जल्दी स्वीकार करते हैं।
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।'यह भी पढ़ें -
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अर्पित करें ये चीजें
जन्माष्टमी की पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण को उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे मोर पंख, बांसुरी और पीले वस्त्र अर्पित कर सकते हैं। इन चीजों को अर्पित करने से श्रीकृष्ण अति प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखते हैं।
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