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Janmashatami 2024: जन्माष्टमी पर इस तरह करें लड्डू गोपाल का शृंगार, सौभाग्य में बदल जाएगा दुर्भाग्य

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा सनातन धर्म में बेहद शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा से जीवन का हर सुख प्राप्त होता है। साथ ही परिवार में खुशहाली आती है। ऐसे में जब आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है तो कान्हा को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा का सबसे अहम भाग उनका शृंगार (Janmashtami 2024 Shringar Vidhi) कैसे करना है? आइए उसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 26 Aug 2024 01:08 PM (IST)
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Janmashatami 2024: ऐसे करें लड्डू गोपाल का शृंगार -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जन्माष्टमी का पर्व हर साल धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म का प्रतीक है, जो हिंदू धर्म में करुणा, सुरक्षा और प्रेम की प्रतिमूर्ति माने जाते हैं। इस पर्व को गोकुलाष्टमी और श्रीकृष्ण जयंती- जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर कान्हा की खास पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। इस साल यह पर्व (Krishna Janmashatami 2024) आज यानी 26 अगस्त को मनाया जा रहा है, तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

ऐसे करें लड्डू गोपाल का शृंगार ( Shri Krishna Janmashatami 2024 Laddu Gopal Shringar)

सर्वप्रथम लड्डू गोपाल को पंचामृत, गंगाजल और शुद्ध पानी से स्नान करवाएं। फिर उनके शरीर पर चंदन का लेप लगाएं। गोपी चंदन सूखने के बाद गंगाजल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें साफ कपड़े से पोंछे। फिर उन्हें पीले रंग के सुंदर, वस्त्र, मुकुट, कड़ा, मुरली, मोर पंख, हार, करधनी, बांसुरी, आदि से सजाएं। कान्हा को इत्र लगाएं। आंखों में काजल और माथे पर तिलक लगाएं।

उनके बालों को फूल से सजाएं। चरणों में आलता लगाएं और उनके पास फूल बिछाएं। पूजा में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें। माखन-मिश्री, पंजीरी और पंचामृत, खीरा का भोग लगाएं। गा-गाकर श्रीकृष्ण की आरती करें।

इस दौरान करें पूजा

हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 03 बजकर 55 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। साथ ही अमृत काल दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। वहीं, ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके साथ विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप किसी भी प्रकार का शुभ व मांगलिक कार्य कर सकते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।