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Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर पूजा थाली में जरूर शामिल करें धनिया की पंजीरी, प्रसन्न होंगे माखनचोर कन्हैया

धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूजा के दौरान लड्डू गोपाल को विशेष रूप में धनिया की पंजीरी का भोग लगाया जाता है। आइए जानते हैं इस भोग के धार्मिक महत्व के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 26 Aug 2024 05:17 PM (IST)
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Lord krishna: इस भोग के बिना अधूरी है पूजा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shri Krishna Janmashtami 2024: मथुरा नगरी समेत देश-विदेश में आज यानी 26 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही धनिया की पंजीरी और माखन मिश्री समेत आदि चीजों का भोग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कान्हा जी के भोग में धनिया की पंजीरी शामिल न करने से पूजा अधूरी रहती है। आइए इस लेख में जानते हैं कि लड्डू गोपाल को धनिया की पंजीरी का भोग क्यों लगाया जाता है?

ये है वजह

मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण को धनिया की पंजीरी अधिक प्रिय है। इसलिए जन्माष्टमी पर प्रभु को धनिया की पंजीरी अर्पित की जाती है। इस भोग का विशेष महत्व माना जाता है। इस भोग को मंदिरों में भी चढ़ाया जाता है। कई लोग जन्माष्टमी व्रत का पारण भी धनिया की पंजीरी से करते हैं। माना जाता है कि धनिया की पंजीरी का भोग लगाने से कान्हा जी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा प्रभु को माखन मिश्री, फल, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।

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जन्माष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 25 अगस्त, 2024 दिन रविवार को रात 3 बजकर 39 मिनट पर हो गई है। वहीं, इसका समापन 26 अगस्त, 2024 दिन सोमवार को रात 02 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में जन्माष्टमी आज यानी 26 अगस्त को मनाई जा रही है। लड्डू गोपाल की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त की रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक है।

भोग मंत्र (Bhog Mantra)

जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को भोग अर्पित करते समय निम्न मंत्र का जप करना चाहिए।

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।