Janmashtami 2024: आखिर क्यों मोरमुकुटधारी को अर्पित किए जाते हैं 56 भोग, वजह है बेहद खास
धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी। लड्डू गोपाल को 56 भोग (56 Bhog Menu) जरूर लगाना चाहिए। आइए जानते हैं इसका इतिहास और 56 भोग में किन चीजों को शामिल करना चाहिए?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord krishna 56 Bhog: कृष्ण भक्त जन्माष्टमी का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस पर्व से कुछ दिन पहले ही मथुरा समेत देशभर के कृष्ण मंदिरों को सजाने की शुरुआत होती है और जन्माष्टमी पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और प्रभु को 56 तरह के भोग लगाए जाते हैं। मान्यता है कि 56 भोग न लगाने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। क्या आपको पता है कि भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग (Lord krishna 56 Bhog History) अर्पित करने की परंपरा की शुरुआत कैसे हुई? अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
इसलिए लगाते हैं 56 भोग
पौराणिक कथा के अनुसार, गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को वर के रूप में पाने के लिए यमुना नदी में ब्रह्म मुहूर्त के दौरान स्नान किया, क्योंकि गोपियां भगवान श्रीकृष्ण को वर के रूप में देखना चाहती थीं। इसलिए गोपियों ने मां कात्यायनी से प्रार्थना की। इसके बदले में गोपियों को मां कात्यायनी की पूजा के दौरान 56 भोग अर्पित करने की मन्नत मांगी थी। मान्यता है कि इसके बाद से भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की परंपरा शुरू हुई।यह भी पढ़ें: Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर करें मां तुलसी को प्रसन्न, घर में होगा धन की देवी का वास
वहीं, दूसरी कथा के अनुसार, जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के प्रकोप से ब्रजवासियों के बचाव के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था, तो उस दौरान प्रभु ने 7 दिन तक कुछ भी नहीं खाया था। इसके पश्चात भगवान श्रीकृष्ण को 56 तरह के भोग अर्पित किए गए। तभी से कान्हा जी को 56 भोग लगाए जाते हैं।