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Jaya Ekadashi 2023: जया एकादशी पर जरूर रखें इन बातों का ध्यान, जानें क्या करें और क्या नहीं

Jaya Ekadashi 2023 हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है इस दिन भगवान विष्णु की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से सभी दुख और समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं इस व्रत के नियम और उपाय।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Mon, 30 Jan 2023 12:19 PM (IST)
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Jaya Ekadashi 2023: जया एकादशी पर इन नियमों का करें पालन।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Jaya Ekadashi 2023: प्रत्येक मास में एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का पालन किया जाता है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन जया एकादशी व्रत रखा जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और साधक को पिशाच योनि के भय से मुक्ति मिल जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास का अंतिम एकादशी व्रत 01 फरवरी 2023, बुधवार (Jaya Ekadashi 2023 Date) के दिन रखा जाएगा। इस दिन साधकों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए और कुछ उपाय करने चाहिए, जिनसे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

जया एकादशी पर क्या न करें

  • जया एकादशी के दिन व्यक्ति को चावल, पान, बैंगन, गोभी, जौ या पालाक इत्यादि का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से से दोष उत्पन्न होने का भय बढ़ जाता है।

  • एकादशी तिथि के तामसिक भोजन का सेवन वर्जित है। ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है। इस दिन मदिरा, मांस, प्याज या लहसुन का सेवन न करें। सात्विक आहार ही ग्रहण करें।

  • एकादशी व्रत का पालन कर रहे साधकों को किसी अन्य व्यक्ति के विषय में बुरा या कड़वा नहीं सोचना चाहिए। ऐसा करने से उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।

  • एकादशी तिथि के दिन घर में झाड़ू का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि झाड़ू के प्रयोग से छोटे जीवों की हत्या का भय बढ़ जाता है, जिससे जीव हत्या का दोष लग सकता है।

जया एकादशी पर करें ये कार्य

  • जया एकादशी पर पवित्र स्नान और दान का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन हो सके तो पवित्र गंगा नदी में स्नान करें और केसर, हल्दी या केला का दान करें।

  • एकादशी के दिन व्रत पालन करें और जय एकादशी व्रत कथा का श्रवण करें। ऐसा करना साधकों के लिए अत्यंत फलदाई माना जाता है और भक्तों को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  • इस दिन घर आए किसी भी साधु-संत को खाली हाथ घर से ना लौटाएं। अन्न, धन या वस्त्र का दान करने से पुण्य के समान लाभ मिलता है।

  • एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की उपासना में तुलसी पत्र और पंचामृत का प्रयोग अवश्य करें। यह दोनों चीजें श्री हरि को सर्वाधिक प्रिय है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।