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Jaya Ekadashi 2024: जया एकादशी की पूजा में शामिल करें ये चीजें, होगी शुभ फलों की प्राप्ति

सनातन धर्म में एकादशी व्रत (Jaya Ekadashi 2024) को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माघ माह में आने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा। तो आइए इस दिन की पूजा साम्रगी के बारे में विस्तार से जानते हैं -

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sat, 17 Feb 2024 03:06 PM (IST)
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Jaya Ekadashi 2024: जया एकादशी पूजा की साम्रगी
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jaya Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि बेहद पवित्र मानी गई है। साल में कुल 24 एकादशी होती हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। माघ माह में आने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा। तो आइए इस दिन की पूजा साम्रगी के बारे में विस्तार से जानते हैं -

जया एकादशी पूजा साम्रगी

  • काला तिल
  • तिल का लड्डू
  • तुलसी का पत्ता
  • पंजीरी
  • पंचामृत
  • केला
  • मौसमी फल
  • पान का पत्ता
  • सुपारी
  • पीला कपड़ा
  • पीला फूल
  • धूप
  • दीप
  • गोपी चंदन
  • रोली
  • अक्षत
  • एकादशी व्रत कथा की पुस्तक
  • भगवान श्री हरि विष्णु की प्रतिमा
  • गाय का घी
  • कपूर
  • हवन की सामग्री आदि।

जया एकादशी का धार्मिक महत्व

जया एकादशी व्रत का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इस उपवास को लेकर ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इसे सच्चे भाव के साथ करते हैं उन्हें भूत, प्रेत और पिशाच की योनि में नहीं जाना पड़ता है। साथ ही पिछले जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है। इसलिए भक्तों को यह व्रत करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में सभी को जगत के पालन हार श्री हरि विष्णु की पूजा सच्चे दिल से करनी चाहिए। ताकि मोक्ष की प्राप्ति हो सके।

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जया एकादशी तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी 19 फरवरी, 2024 को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 20 फरवरी, 2024 सुबह 09 बजकर 55 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदयातिथि का खास महत्व है इसलिए एकादशी का व्रत 20 फरवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'