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Jaya Ekadashi Vrat 2024: इस विधि से करें जया एकादशी व्रत का पारण, मिलेगा पूजा का पूर्ण फल

हिंदू धर्म में जया एकादशी बेहद शुभ मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है जो साधक इस दिन का उपवास (Jaya Ekadashi Vrat 2024) श्रद्धा के साथ करते हैं उनके घर में सुख-शांति का वास सदैव बना रहता है। तो चलिए इस व्रत से जुड़े कुछ नियमों को जान लेते हैं जो इस प्रकार हैं -

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediPublished: Sun, 18 Feb 2024 03:39 PM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2024 03:39 PM (IST)
Jaya Ekadashi Vrat 2024: जया एकादशी व्रत पारण नियम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jaya Ekadashi Vrat 2024: सनातन धर्म में एकादशी के पर्व का विशेष महत्व है। इस साल यह व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है। इसलिए इस दिन का व्रत बेहद भाव के साथ करना चाहिए। वहीं इसका समापन भी पूरे नियम से करना चाहिए, वरना व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। तो आइए यहां जानते हैं जया एकादशी के उपवास को कैसे खोलना चाहिए ?

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जया एकादशी व्रत पारण नियम

एकादशी तिथि के अगले दिन सूर्योदय के बाद इस उपवास का पारण किया जाता है। पारण करते समय इस बात का ध्यान दें कि द्वादशी समाप्त होने से पहले ही कुछ ग्रहण कर लें। द्वादशी के दिन पारण को नजरअंदाज करना पाप करने के समान माना गया है। इसके साथ ही हरि वासर के दौरान उपवास को न खोलें। इसके समाप्त होने का इंतजार करें।

द्वादशी तिथि का पहला दिन और चौथा घंटा हरि वासर माना जाता है। पारण का सबसे उत्तम समय सुबह का होता है, इसलिए कोशिश करें कि अपना व्रत सुबह ही खोल लें।

भगवान विष्णु पूजन मंत्र

  • श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

    हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

    यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

जया एकादशी तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 19 फरवरी, 2024 को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी। साथ ही इसका समापन अगले दिन 20 फरवरी, 2024 सुबह 09 बजकर 55 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदयातिथि का विशेष महत्व है इसलिए इसका व्रत 20 फरवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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