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Jitiya Vrat 2023: जितिया व्रत पर दुर्लभ 'शिव' योग समेत बन रहे हैं ये 2 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

शास्त्रों में निहित है कि जितिया व्रत करने से संतान दीर्घायु होता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से संतान तेजस्वी और मेधावी होता है। साथ ही माता-पिता का नाम रोशन करने वाला होता है। ज्योतिषियों की मानें तो जितिया व्रत पर दुर्लभ शिव योग समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 06 Oct 2023 09:03 AM (IST)
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Jitiya Vrat 2023: जितिया व्रत पर दुर्लभ 'शिव' योग समेत बन रहे हैं ये 2 संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल
धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Jitiya Vrat 2023: हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है। इस वर्ष आज जितिया व्रत है। सनातन धर्म में इस पर्व का अति विशेष महत्व है। शास्त्रों में निहित है कि जितिया व्रत करने से संतान दीर्घायु होता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से संतान तेजस्वी और मेधावी होता है। साथ ही माता-पिता का नाम रोशन करने वाला होता है। ज्योतिषियों की मानें तो जितिया व्रत पर दुर्लभ शिव योग समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ योग और पंचांग जानते हैं-

यह भी पढ़ें- Jitiya Vrat 2023: कब है जीवित्पुत्रिका व्रत? नोट करें- शुभ मुहूर्त, महत्व एवं मंत्र

शिव योग

जितिया व्रत पर शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। शिव योग का निर्माण दिन भर है। अतः व्रती किसी समय आराध्य भगवान शिव की पूजा कर सकती हैं।

सर्वार्थ सिद्धि योग

जितिया व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 09 बजकर 32 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 17 मिनट तक है।

शुभ मुहूर्त

आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 7 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट तक है।

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 54 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 02 मिनट से 06 बजकर 26 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त - 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक

अमृत काल - सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 09 बजकर 12 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक

दिशा शूल - पश्चिम

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 16 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 02 मिनट पर

डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'