Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत के पारण में शामिल करें ये चीजें, प्राप्त होगा पूर्ण फल
जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2024 vidhi) को एक कठोर व्रत के रूप में देखा जाता है क्योंकि इसमें छठ की तरह ही निर्जला व्रत रखकर नहाय-खाय और खरना किया जाता है। इस व्रत को महिलाएं द्वारा अपनी संतान की सलामती के लिए रखा जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस व्रत के पारण में आप क्या-क्या खाया जा सकती हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2024) किया जाता है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है, जो मुख्य रूप से माताएं अपनी संतान की सुरक्षा व अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत करती हैं। इस व्रत की इतनी महिमा बताई गई है कि इस व्रत को करने वाली महिला को कभी संतान वियोग नहीं सहना पड़ता।
कब किया जाएगा जितिया व्रत (Jitiya vrat 2024 muhurat)
हिंदू पंचांग के मुताबिक, आश्विन माह की अष्टमी तिथि 24 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, माताओं द्वारा जितिया व्रत बुधवार, 25 सितंबर को किया जाएगा।
खा सकते हैं ये चीजें (Jitiya Vrat Paran Vidhi)
छठ की तरह ही इस व्रत का पारण तीसरे दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। जितिया व्रत के पारण में चावल, मरुवा की रोटी, तोरई, रागी और नोनी का साग खाने की परम्परा चली आ रही है। इसलिए आप भी इस सभी चीजों के द्वारा अपने व्रत का पारण कर सकती हैं।
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मिलते हैं ये लाभ
जितिया व्रत को मुख्य रूप से (Jitiya Vrat 2024 vidhi) बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इसी के साथ संतान के जीवन में आ रही सभी बाधाएं भी दूर होती हैं। साथ ही इस व्रत को करने वाली महिला को संतान वियोग का सामना नहीं करना पड़ता।
यह भी पढ़ें - Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत पर दुर्लभ 'शिववास' योग समेत बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा दोगुना फलअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।