Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु की पूजा कैसे करनी चाहिए ? जानिए सही नियम
ज्येष्ठ महीने (Jyeshtha Month 2024) की शुरुआत हो चुकी है। वहीं इसका समापन 22 जून को होगा। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि उनकी पूजा करने से जीवन में सुख-सौभाग्य आता है। साथ ही घर में बरकत का वास होता है। ऐसे में अगर आप नारायण की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो यहां दिए गए नियमों से पूजा करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ का महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू कैलेंडर का यह तीसरा महीना होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति के आधार पर हर महीने का अपना एक खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान भगवान हनुमान और श्री हरि की पूजा का विधान है, तो आइए भगवान विष्णु की पूजा विधि जानते हैं -
ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु की ऐसे करें पूजा
ज्येष्ठ माह श्री हरि की पूजा के लिए बहुत ही फलदायी माना जाता है। इस दौरान उनकी पूजा करने से जीवन में बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं। ऐसे में सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद अपने मंदिर को अच्छी तरह साफ कर लें। फिर एक वेदी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें। उनका पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें। उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें। हल्दी या फिर गोपी चंदन का तिलक लगाएं।पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं। भगवान विष्णु का ध्यान करें। श्री हरि के भोग में तुलसी पत्र डालें और उन्हें अर्पित भी करें। अंत में आरती करें और प्रसाद घर के सदस्यों में बांटें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
ज्येष्ठ माह 2024 का समापन कब होगा ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की शुरुआत 24 मई से हो चुकी है। वहीं, इसका समापन 22 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन होगा। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पूजा-पाठ और दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन सुखमय बीतता है। साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है।यह भी पढ़ें: Lord shani: जून में मात्र इन 2 दिनों पर कर लें भगवान शनि की पूजा, पूरे साल धन-दौलत से भरा रहेगा घरअस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।