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Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को लगाएं यह भोग, घर से दूर होगी दरिद्रता

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में कभी आर्थित तंगी नहीं रहती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान दान-पुण्य सत्यनारायण व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत अच्छा माना जाता है। इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2024) 22 जून को मनाई जाएगी।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 08 Jun 2024 10:58 AM (IST)
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Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा भोग -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि इस तिथि पर चंद्र देव अपने पूर्ण रूप में होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में कभी आर्थित तंगी नहीं रहती है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य, सत्यनारायण व्रत, चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत अच्छा माना जाता है।

इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2024) 22 जून, 2024 को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन देवी लक्ष्मी को क्या भोग लगाना है उसके बारे में जानते हैं ?

मखाने की खीर का भोग

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को मखाने की खीर का भोग लगाना चाहिए। यह देवी का प्रिय भोग है। ऐसा कहा जाता है कि इस भोग को चढ़ाने से माता लक्ष्मी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में अगर आप धन की देवी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन उन्हें इस दिव्य खीर का भोग अवश्य लगाना चाहिए।

पंचमेवा का भोग

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को पंचमेवा का भोग लगाने से वे बहुत खुश होती हैं। ऐसी मान्यता है कि पंचमेवा का भोग लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की सभी परेशानियों का अंत होता है। अगर आपको लगातार असफलता का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको देवी को यह भोग चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही उनकी प्रार्थना करनी चाहिए।

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 21 जून, 2024 को प्रात: 06 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 22 जून, 2024 को प्रात: 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी, लेकिन इसका व्रत 21 जून को किया जाएगा।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।