Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर जरूर करें इन पेड़ों की पूजा, तरक्की के बनेंगे योग
पूर्णिमा तिथि महीने की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में से एक है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्म की पूजा की जाती है। साथ ही इस तिथि पर गंगा या फिर किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना और गरीबों को दान आदि करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पूर्णिमा पर किन पेड़-पौधों की पूजा करना लाभकारी होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jyeshtha Purnima 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि को भी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। ऐसे में आप पूर्णिमा तिथि पर पूजनीय माने गए इन पेड़-पौधों की पूजा कर शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून, शुक्रवार को किया जाएगा। वहीं, स्नान-दान 22 जून, शनिवार के दिन किया जाएगा।
तुलसी पूजन से मिलेगा लाभ
हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा अत्यंत पूजनीय और पवित्र माना जाता है। इस पौधे में देवी लक्ष्मी का वास माना गया है। साथ ही तुलसी, भगवान विष्णु को भी प्रिय मानी गई है। ऐसे में पूर्णिमा तिथि पर तुलसी पूजन करने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि पर तुलसी की पूजा करने से कुंडली में मौजूद दोषों का प्रभाव कम होता है और व्यक्ति के भाग्य में भी वृद्धि होती है।
पीपल के पेड़ की पूजा
पूर्णिमा तिथि पर पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है। ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और मिठाई अर्पित करें। ऐसा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।यह भी पढ़ें - Dhumavati Jayanti 2024: धूमावती जयंती पर करें इस चालीसा का पाठ, जीवन में सदैव रहेगी खुशहाली
बरगद के पेड़ की पूजा का महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करना भी शुभ फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बरगद के पेड़ में त्रिदेवों यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश (भगवान शिव) का वास माना गया है। ऐसे में पूर्णिमा तिथि पर बरगद के पेड़ की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।यदि किसी जातक के विवाह में बाधा आ रही है, तो ऐसे में बरगद की जड़ों में गंगाजल चढ़ाएं और पेड़ पर कलावा बांधें। इसके बाद फूल, फल, और मिठाई आदि अर्पित करें। अब धूप और दीप जलाएं। ऐसा करने से जल्द ही विवाह के योग बनने लगते हैं।
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