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Govardhan Puja 2024: कब है गोवर्धन पूजा? जानें पूजा का सही समय और शुभ योग

सनातन धर्म में लोकप्रिय पर्वों में से एक है गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2024)। कार्तिक माह में गोवर्धन पूजा का त्योहार दिवाली के बाद मनाया जाता है। इस खास अवसर पर साधक अत्यधिक भक्ति और प्रेम के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही गौ माता की पूजा का भी विशेष महत्व है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 05 Oct 2024 12:07 PM (IST)
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Govardhan Puja 2024: ऐसे मनाएं गोवर्धन पूजा का पर्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने से साधक के समस्त दुख और संताप दूर हो जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2024) की डेट और पूजा समय और शुभ योग के बारे में।  

 

गोवर्धन पूजा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, प्रतिपदा तिथि (Govardhan Puja Time) की शुरुआत 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 02 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में गोवर्धन पूजा का त्योहार 02 नवंबर (Govardhan Puja Date) को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-  

प्रातःकाल मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 34 मिनट से 08 बजकर 46 मिनट तक।

संध्याकाल मुहूर्त - दोपहर 03 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक।

त्रिपुष्कर योग- रात्रि  08 बजकर 21 मिनट तक 3 नवंबर को सुबह 05 बजकर 58 मिनट तक।

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गोवर्धन पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद पूजा-अर्चना कर घर में गोबर के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन पर्वत उठाने की छवि बनाएं। अब विधिपूर्वक गोवर्धन पूजा करें। प्रभु को मिश्री, बताशे, माखन, खीर, दही, दूध और फूल समेत आदि चीजों को अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें और प्रभु के मंत्रों का जप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।