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Jitiya vrat 2024: जितिया व्रत में इन बातों का रखें विशेष ध्यान, जल्द घर में गूंजेगी किलकारी

महिलाएं जीवित्पुत्रिका व्रत को विधिपूर्वक संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं। व्रत के दौरान भगवान जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करने का विधान है। व्रत का पारण अगले दिन शुभ मुहूर्त में किया जाता है और व्रत के दौरान जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जितिया (Jitiya Vrat 2024 Niyam) करने वाले व्रती के संतान की रक्षा जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण करते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 22 Sep 2024 10:14 AM (IST)
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Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत में न करें ये गलतियां
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2024) किया जाता है। धार्मिक मत है कि इस व्रत को करने से संतान तेजस्वी और ओजस्वी होती है। साथ ही जीवन में सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। नवविवाहित महिलाएं भी संतान प्राप्ति के लिए जितिया व्रत रखती है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि व्रत के दौरान कुछ कार्यों को करने से साधक को पुण्य-प्रताप की प्राप्ति नहीं होती है। क्योंकि छोटी सी गलती भी बड़े दुष्परिणाम का कारण बन सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat 2024) के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए ?

कब है जितिया व्रत (Jitiya vrat 2024 Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 24 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में 25 सितंबर को जितिया व्रत किया जाएगा।

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इन बातों का रखें ध्यान (Jitiya Vrat 2024 Niyam)

  • जितिया व्रत के पहले दिन नहाय-खाय किया जाता है। इस दिन महिलाएं स्नान करने के बाद ध्यान कर भगवान जीमूतवाहन की विधिपूर्वक उपासना करती हैं। अंत में भोजन ग्रहण करती हैं। अगले दिन निर्जला व्रत करती हैं। ऐसे में तामसिक भोजन के सेवन से दूर रहना चाहिए। साथ ही मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।  
  • जितिया व्रत के दौरान मन में किसी के प्रति दुर्भावना या गलत विचार धारण न करें। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • इसके अलावा किसी से लड़ाई और झगडा नहीं करना चाहिए। किसी से बातचीत के दौरान अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ब्रह्मचर्य के नियम का पालन जरूर करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।