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Jitiya Vrat 2024: 24 या 25 सितंबर, कब है जितिया व्रत? जानें सही डेट और महत्वपूर्ण बातें

इस बार जितिया व्रत की डेट को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है। कुछ लोग जितिया व्रत 24 सितंबर का बता रहे हैं। वहीं कुछ जानकार जितिया व्रत 25 सितंबर (Jitiya Vrat 2024 Date) को करने की बात कह रहे हैं। चलिए इस आर्टिकल में पंचांग के अनुसार जानते हैं कि जितिया व्रत किस तारीख को किया जाएगा।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 11 Sep 2024 12:16 PM (IST)
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Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत से होती है संतान की दीर्घायु (Pic Credit- Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2024) किया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं संतान के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। इस वर्ष जितिया व्रत की डेट को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बन रही है। आइए, हिंदू पंचांग के अनुसार जानते हैं कि जितिया व्रत की सही डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

जितिया व्रत शुभ मुहूर्त (Jitiya Vrat 2024 Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 24 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर हो रहा है। साथ ही अष्टमी तिथि का समापन 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, जितिया व्रत बुधवार, 25 सितंबर को किया जाएगा।

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कब करें जितिया व्रत पारण (Jitiya Vrat 2024 Paran Vidhi)

जितिया व्रत (Jitiya Vrat Puja Vidhi) का पारण तीसरे दिन विधिपूर्वक किया जाता है। अष्टमी तिथि पर सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। पारण के दौरान रागी की रोटी, तोरई, नोनी का साग और चावल का सेवन करने का रिवाज पुराने समय से चला आ रहा है।

जितिया व्रत का महत्व (Jitiya Vrat significance)

धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पौराणिक कथा के अनुसार, जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे संतान को अपना सर्वस्व पुण्य फल देकर जीवित कर दिया था। इसी वजह से उत्तरा के पुत्र को जीवित्पुत्रिका कहा गया। तभी से हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत किया जाता है।

जितिया व्रत के मंत्र

1. कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

2. सर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके |

शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||

3. वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् ।

देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।