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Kajari Teej 2024: कजरी तीज पर बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग, व्रत का मिलेगा दोगुना फल

कजरी तीज का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व हर साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग शिव-पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसलिए महिलाएं अपने पति की लंबी आयु एवं परिवार की कुशलता के लिए यह व्रत रखती हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 11 Aug 2024 02:05 PM (IST)
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Kajari Teej 2024: कजरी तीज 2024, शुभ योग -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कजरी तीज का पावन पर्व जल्द आने वाला है। इस त्योहार को हिंदू धर्म की महिलाएं पूर्ण श्रद्धा और पवित्रता के साथ मनाती हैं। ज्यादातर यह पर्व राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे उत्तरी राज्यों में मनाया जाता है। इस साल कजरी तीज का व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाहित महिलाएं इस दौरान निर्जला व्रत का पालन करती हैं और शिव-पार्वती की विशेष पूजा करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से पति की दीर्घायु और भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद मिलता है।

कजरी तीज 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Kajari Teej 2024 Date and Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण की तृतीया तिथि की शुरुआत 21 अगस्त को शाम 05 बजकर 06 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 22 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए कजरी तीज का व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा।

कजरी तीज 2024, शुभ योग (Kajari Teej 2024 Shubh Yog)

वैदिक पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग रात 10 बजकर 05 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। फिर अमृत काल शाम 05 बजकर 47 मिनट से रात 07 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त सुबह 05 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।

ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य करने से सुख-शांति में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।