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Karwa Chauth 2024: करवा चौथ के चांद का कितना करना होगा इंतजार? अभी से नोट कर लें पूजन और चंद्रोदय समय

करवा चौथ का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है। इस पावन दिन पर सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए कठिन व्रत का पालन करती हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि इसका (Karwa Chauth 2024) पालन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में प्यार बढ़ता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 29 Sep 2024 11:50 AM (IST)
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Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पूजा मुहूर्त।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का पर्व बेहद ही विशेष माना जाता है। यह महत्वपूर्ण व्रत पतियों की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं कठिन निर्जला उपवास का पालन करती हैं और रात में चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद व्रत को खोलती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन (Karwa Chauth 2024) शिव परिवार की पूजा होती है। साथ ही चंद्रमा को देखने के बाद व्रत का समापन होता है, तो चलिए पूजन समय और चंद्रोदय का समय जानते हैं।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त (Moon Rise Time Or Puja Muhurat)

करवा चौथ की पूजा शाम को 05 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 02 मिनट तक के बीच होगी। वहीं, इस दिन चांद निकलने (Chand Nikalne Ka Time)का समय शाम 07 बजकर 54 मिनट का है। इस दौरान आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं। साथ ही पूजा के बाद अपने व्रत का पारण कर सकते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इस दिन चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होगा, जिसके चलते यह दिन बेहद शुभ माना जा रहा है।

करवा चौथ शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth Ka Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 19 अक्टूबर, 2024 को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही इसका समापन 20 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) का व्रत रविवार, 20 अक्टूबर रखा जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।