Mahalakshmi Vrat 2024: कब से शुरू हो रहा है महालक्ष्मी व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के 4 दिन बाद महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat 2024) किया जाता है। यह व्रत करीब 14 दिनों तक रखा जाता है। इस दौरान विधिपूर्वक धन की देवी मां लक्ष्मी की उपासना की जाती है। साथ ही प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत (Kab Se Hai Mahalakshmi Vrat 2024) का शुभारंभ होता है। वहीं, इस व्रत का समापन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है। इस दौरान साधक सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत करते हैं और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना (Mahalakshmi Vrat Puja Vidhi) करते हैं। आइए जानते हैं महालक्ष्मी व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
महालक्ष्मी व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर (Mahalakshmi Vrat 2024 Shubh Muhurat) को रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 11 सितंबर को रात में 11 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ 11 सितंबर से होगा। वहीं, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन व्रत का समापन होगा।
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महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि
महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat Puja) के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद मंदिर की सफाई करें। चौकी पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। मां लक्ष्मी का पंचामृत से स्नान कराएं और विधिपूर्वक पूजा करें। इसके पश्चात लालसूत, सुपारी नारियल, चंदन, पुष्प, अक्षत, फल समेत आदि चीजों को अर्पित करें। मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं। दीपक जलाकर आरती करें और मां लक्ष्मी चालीसा का पाठ कर मंत्रों का जप करें। अंत में फल, मिठाई, कुट्टू के आटे के पकोड़े और साबूदाने की खीर का भोग लगाएं।
अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।
महालक्ष्मी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट
कपूर, घी, दीपक, अगरबत्ती, धूपबत्ती, सुपारी, साबुत नारियल, कलश और 16 श्रृंगार की वस्तुएं जैसे इत्र, पायल, बिछिया, अंगूठी, गजरा, कान की बाली या झुमके, शादी का जोड़ा, मेहंदी, मांगटीका, काजल, मंगलसूत्र, चूड़ियां, बाजूबंद, कमरबंद, सिंदूर और बिंदी।मां लक्ष्मी मंत्र
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।धिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥यह भी पढ़ें: Ekadashi in September 2024: सितंबर महीने में कब-कब है एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योगअस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।