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Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी के दिन जरूर करें इन चीजों का दान, सभी पापों का होगा अंत

प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत रखने का विधान है। पंचांग के अनुसार इस बार यह 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के सभी पापों का नाश होता है। इसके साथ ही श्रीहरि की कृपा मिलती है तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Tue, 08 Oct 2024 09:43 AM (IST)
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Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी के दिन अवश्य करें ये दान।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पापांकुशा एकादशी का व्रत बेहद मंगलकारी होता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है। इस बार यह 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत (Papankusha Ekadashi 2024) को करने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

साथ ही व्यक्ति के सभी पापों का अंत होता है। वहीं, इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। इससे व्यक्ति के अन्न-धन में वृद्धि होती है, तो आइए जानते हैं कि इस मौके पर क्या दान करना शुभ होता है?

पापांकुशा एकादशी के दिन अवश्य करें ये दान (Papankusha Ekadashi Ka Daan)

पापांकुशा एकादशी के दिन वस्त्र, अन्न-धन, तुलसी के पौधे, मोर पंख और कामधेनु की प्रतिमा का दान करना अत्यंत उत्तम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इन चीजों का दान करने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही जीवन भर धन से जुड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

इसके साथ ही देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं। इसलिए जितना हो सके इस तिथि पर उतना दान अवश्य करें।

पापांकुशा एकादशी तिथि और समय (Papankusha Ekadashi Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 14 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 13 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, वैष्णव समाज के लोग 14 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखेंगे।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।