Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत में पूजा के समय करें शिव जी की ये आरती, प्राप्त होगी औघड़दानी की कृपा
प्रदोष व्रत ( Pradosh 2024) के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि शिव पूजन से जीवन में शुभता का आगमन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार प्रदोष व्रत15 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। ऐसे में इस दिन भगवान शिव की विधि अनुसार पूजा करें क्योंकि यह बहुत खास माना जा रहा है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शंकर की पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 सितंबर को रवि प्रदोष का व्रत रखा जाएगा।
ऐसे में इस दिन भगवान शिव की विधि अनुसार पूजा करें, क्योंकि इस बार का प्रदोष व्रत बहुत लाभकारी माना जा रहा है। वहीं, इस दिन पूजन के समय शिव जी के साथ मां पार्वती की आरती अवश्य करनी चाहिए, जिससे पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त किया जा सके, तो आइए यहां पढ़ते हैं।
।।भगवान शिव की आरती।। (Bhagwan Shiv Aarti In Hindi)
जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ऊँ जय शिव...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ऊँ जय शिव...॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ऊँ जय शिव...॥अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ऊँ जय शिव...॥श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ऊँ जय शिव...॥कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ऊँ जय शिव...॥ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ऊँ जय शिव...॥काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ऊँ जय शिव...॥त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ऊँ जय शिव...॥जय शिव ओंकारा हर ऊँ शिव ओंकारा|ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ऊँ जय शिव ओंकारा...॥