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Radha Ashtami 2024: राधा अष्टमी व्रत में करें इन चीजों का सेवन, सौभाग्य में होगी अपार वृद्धि

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में राधा अष्टमी का पर्व आज यानी 11 सितंबर को (Kab Hai Radha Ashtami 2024) को मनाया जा रहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार राधा अष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुदामा समान वैकुंठ लोक में स्थान प्राप्त होता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 11 Sep 2024 09:48 AM (IST)
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Radha Ashtami 2024: विधिपूर्वक करें राधा अष्टमी व्रत

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2024) का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर राधा रानी का अवतरण हुआ था। इसलिए दिन को राधा रानी के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण की विशेष उपासना की जाती है। साथ ही आयु और सौभाग्य में अपार वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है। अगर आप भी इस व्रत (Radha Ashtami Vrat Vidhi) को कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि व्रत में किन चीजों का सेवन किया जा सकता है।

कब है राधा अष्टमी 2024 (Radha Ashtami 2024 Date)

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी (Radha Ashtami 2024 Puja Time) तिथि 10 सितंबर को रात 11 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और 11 सितंबर को रात 11 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। ऐसे में 11 सितंबर को राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2024 Shubh Muhurat) मनाई जाएगी। राधा अष्टमी का सुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

11 सितंबर को सुबह 11 बजकर 03 मिनट से लेकर से दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक है।

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इन चीजों का कर सकते हैं सेवन

राधा अष्टमी के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। व्रत के दौरान आप फल, मिठाई, आलू साबूदाना की सब्जी, शकरकंद और कुट्टू के आटे के पकोड़े का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा दूध और दही को फलाहार में शामिल कर सकते हैं। खाना बनाने में सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि इन चीजों का सेवन करने से पहले राधा रानी को भोग जरूर लगाएं।

भोग लगाते समय इस मंत्र का करें जाप

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

इस मंत्र का अर्थ है कि हे किशोरी जी जो भी मेरे पास है। वो आपका दिया हुआ है। मैं आपको दिया हुआ अर्पित करता हूं। मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।