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Radha Ashtami 2024: राधा अष्टमी पर इन गलतियों को करने से नाराज हो सकती हैं किशोरी जी

राधा अष्टमी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। यह हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद पड़ता है। इस साल यह 11 सितम्बर को मनाया जाएगा। यह दिन राधा रानी के जन्म का प्रतीक है। इस शुभ अवसर पर राधा रानी के साथ कान्हा जी की पूजा अवश्य करना चाहिए।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 01 Sep 2024 09:49 AM (IST)
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Radha Ashtami 2024: राधा अष्टमी पर रखें इन बातों का ध्यान।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। राधा अष्टमी सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है, जो जन्माष्टमी त्योहार के 15 दिन बाद आता है। यह दिन भगवान कृष्ण की प्रिय राधा रानी जी को समर्पित है। यह शुभ दिन देवी राधा के जन्म का प्रतीक है। भक्त हर साल राधा रानी के जन्मोत्सव को बड़ी भव्यता और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन को राधा जयंती (Radha Ashtami 2024) के नाम से भी जाना जाता है, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

राधा अष्टमी पर रखें इन बातों का ध्यान

  • राधा अष्टमी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
  • इस दिन वृन्दावन की मंगला आरती में हिस्सा लेना शुभ माना जाता है।
  • राधा अष्टमी के दिन कठोर व्रत रखने का संकल्प अवश्य लेना चाहिए।
  • जो लोग 24 घंटे व्रत रखने में असमर्थ हैं, तो उन्हें मध्याह्न काल तक व्रत रखने की सलाह दी जाती है। मध्याह्न काल के दौरान पूजा करने के बाद लोग अपना व्रत तोड़ सकते हैं।
  • भक्त केवल सात्विक भोजन से ही अपना व्रत तोड़ सकते हैं।
  • राधा अष्टमी के दिन तामसिक भोजन जैसे - प्याज-लहसुन, अंडा और मांस का सेवन वर्जित माना गया है।
  • इस मौके पर राधा कृष्ण और लड्डू गोपाल जी का गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करना अत्यधिक पुण्यदायी माना जाता है।
  • इस शुभ अवसर पर किशोरी जी का विधिवत श्रृंगार करना चाहिए।
  • इस दिन देवी को घर का बना भोग प्रसाद- तुलसी पत्र, पंचामृत, पंजीरी, खीर, हलवा, मालपुआ, पूरी और चना आदि का भोग लगाएं।
  • इस दिन राधा रानी के भजन अवश्य गाएं।
  • राधा जी की पूजा करते समय विभिन्न स्तोत्र, श्लोक और वैदिक मंत्रों का जाप करें।
  • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें।
  • इस दिन किसी भी प्रकार के वाद-विवाद और किसी के बारे में बुरा बोलने से बचें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।