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Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर करें शिव-पार्वती की विशेष आरती, वैवाहिक जीवन रहेगा सुखी

रवि प्रदोष का व्रत बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा होती है। इस व्रत को करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार प्रदोष व्रत 29 सितंबर 2024 दिन रविवार को ( Pradosh Vrat 2024 Date) को रखा जाएगा।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 22 Sep 2024 01:53 PM (IST)
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Pradosh Vrat 2024: शिव जी और देवी पार्वती की आरती।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही उत्तम माना जाता है। इस दिन भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष (Pradosh Vrat 2024) व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही शिव-पार्वती का आशीर्वाद मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार प्रदोष व्रत 29 सितंबर, दिन रविवार को रखा जाएगा।

वहीं, इस मौके पर ''शिव जी और देवी पार्वती की आरती'' से पूजा संपूर्ण मानी जाती है। इसलिए भाव के साथ आरती करें। ताकि शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त हो सके और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहे, तो आइए यहां पर पढ़ते हैं।

।।भगवान शिव की आरती।। (Bhagwan Shiv Aarti In Hindi)

जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ऊँ जय शिव...॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ऊँ जय शिव...॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ऊँ जय शिव...॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ऊँ जय शिव...॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ऊँ जय शिव...॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ऊँ जय शिव...॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ऊँ जय शिव...॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ऊँ जय शिव...॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ऊँ जय शिव...॥

जय शिव ओंकारा हर ऊँ शिव ओंकारा|

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ऊँ जय शिव ओंकारा...॥

।।माता पार्वती जी की आरती।। (Mata Parvati Aarti In Hindi)

जय पार्वती माता जय पार्वती माता

ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता

जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा

देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता

हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता

सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

देवन अरज करत हम चित को लाता

गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता

सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।

जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।