Sharad Purnima 2024: आश्विन माह में कब है शरद पूर्णिमा? इस तरह शुभ मुहूर्त में करें विष्णु जी को प्रसन्न
सनातन धर्म में आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने से साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं। आइए इस लेख में जानते हैं शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024 Date) की डेट शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024) का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर जातक विशेष कार्य में सिद्धि प्राप्ति के लिए व्रत भी रखते हैं और जगत के पालनहार भगवन विष्णु के संग मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से जातक के सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। आइए जानते है शरद पूर्णिमा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।
शरद पूर्णिमा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima 2024 Date and Auspicious Time)
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 16 अक्टूबर को रात्रि 08 बजकर 40 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 17 अक्टूबर को शाम को 04 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर (Sharad Purnima 2024 Date) को मनाया जाएगा। इस दिन चन्द्रोदय शाम को 05 बजकर 05 मिनट पर होगा।
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शरद पूर्णिमा पूजा विधि (Sharad Purnima Puja Vidhi)
शरद पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना शुभ माना जाता है। इस दिन अगर गंगा स्नान संभव न हो, तो घर में ही नहाने के जल में गंगाजल डालकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि विष्णु जी को पीला रंग बेहद प्रिय है। इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करें और अतः बहती जलधारा में तिल प्रवाहित करें। विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। प्रभु को पीले रंग का फल, फूल, वस्त्र अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें और विष्णु चालीसा का पाठ और मंत्र जाप करें। फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाकर लोगों में प्रसाद का वितरण करें। अंत में लोगों में विशेष चीजों का दान करें।इन बातों का रखें ध्यान (Sharad Purnima Niyam)
- शरद पूर्णिमा के दिन तामसिक चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।
- बाल और नाखून न काटें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
- किसी से वाद-विवाद न करें।
- भूलकर भी बड़े-बुजुर्गों का अपमान न करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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