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Somvati Amavasya पर विशेष चीजों का करें दान, बिगड़े काम जल्द होंगे पूरे

भाद्रपद माह में 02 सितंबर को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024 Date) है। सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी। धार्मिक मत है कि सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान और पूजा-अर्चना करने से साधक के सभी पाप खत्म हो जाते हैं और पितरों के प्रसन्न होने से जातक को पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 28 Aug 2024 10:19 AM (IST)
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Somvati Amavasya 2024: अमावस्या पर दान से पितृ होंगे प्रसन्न
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सभी तिथि किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित है। ठीक इसी प्रकार अमावस्या तिथि पर भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। साथ ही पितरों का तर्पण किया जाता है। इसके अलावा पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन दान करने से साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और बिगड़े काम पूरे होते हैं। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya Daan) पर किन चीजों का दान करना चाहिए?

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त (Somvati Amavasya Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या तिथि सोमवार 02 सितंबर को सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और 03 सितंबर को सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 02 सितंबर को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।

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इन चीजों का करें दान (Somvati Amavasya Daan)

  • सोमवार के दिन पड़ने की वजह से इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन श्रद्धा अनुसार चावल, सफेद वस्त्र, सफेद फूल, शक्कर और नारियल समेत आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
  • सनातन धर्म में पर्व और व्रत के दौरान विशेष चीजों का दान करना कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करें। इससे साधक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी और बिगड़े काम पूरे होंगे।
  • इसके अलावा अमावस्या पर काले तिल का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन महादेव और भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद काले तिल का दान जरूर करें। मान्यता के अनुसार, इससे साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही साधक को कुंडली के बुरे ग्रहों के असर से मुक्ति मिलती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।