Tulsidas Jayanti 2024: कब है तुलसीदास जयंती? नोट करें शुभ मुहूर्त और उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
तुलसीदास जयंती का हिंदुओं में बड़ा धार्मिक महत्व है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के राजापुर गांव में वर्ष 1532 में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि उनके मुख से सबसे पहला शब्द राम निकला था। इसीलिए उन्हें रामबोला कहा जाता था। इस साल तुलसीदास जयंती (Tulsidas Jayanti 2024) 11 अगस्त को मनाई जाएगी तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गोस्वामी तुलसीदास एक महान संत और कवि थे। तुलसीदास जी को कला और साहित्य के क्षेत्र में उनके काम के लिए जाना जाता है। उन्होंने हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस, हनुमान चालीसा समेत तमाम ग्रंथों की रचना की। तुलसीदास का जन्म 1532 उत्तरप्रदेश के राजापुर गांव में हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, स्वामी जी का जन्म श्रावण महीने में कृष्ण पक्ष की सप्तमी को हुआ था।
इस साल तुलसीदास जयंती (Tulsidas Jayanti 2024) 11 अगस्त को मनाई जाएगी, जो उनकी 527वीं जन्म वर्षगांठ हैं।
कब है तुलसीदास जयंती 2024? (Tulsidas Jayanti 2024 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल तुलसीदास जयंती 11 अगस्त को मनाई जाएगी। वहीं, सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। इसके साथ ही इस तिथि का समापन 12 अगस्त को 07 बजकर 55 मिनट पर होगा।
तुलसीदास जयंती से जुड़ी मान्यता
लोग पवित्र हिंदू धर्मग्रंथ "रामचरितमानस" का पाठ करके इस शुभ दिन को मनाते हैं। इसके साथ ही विभिन्न श्लोकों और भजनों का पाठ करते हैं। वहीं, कुछ लोग रामायण पाठ का आयोजन भी करते हैं और भगवान श्री राम और भगवान हनुमान जी की पूजा करते हैं।इसके साथ ही लोगों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है। कई स्थानों पर इस विशेष दिन पर ब्राह्मणों को भोजन कराने और वस्त्र दान करने का भी विधान है।
यह भी पढ़ें: Weekly Vrat Tyohar 05 To 11 August 2024: अगस्त के दूसरे सप्ताह में मनाए जाएंगे कई व्रत और पर्व, देखें लिस्टअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।