Pitru Paksha 2024: पितरों के नाराज होने पर जीवन में घटने लगती हैं ये 5 बड़ी घटनाएं, इन चीजों के दान से दूर होगी हर बाधा
पितृ पक्ष की अवधि बेहद खास मानी जाती है। इस अवधि में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान (Pitru Paksha 2024) पितृ तर्पण और पिंड दान करने सुख-शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही कुंडली से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पितृ पक्ष को बहुत अहम माना जाता है। यह समय पितरों को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और उनकी आत्मा की शांति के लिए कई प्रकार के अनुष्ठान करते हैं। इस अवधि (Pitru Paksha 2024) को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर, 2024 से शुरू हो रहे हैं, तो आइए इस दौरान पितरों को भोजन अर्पित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? उसके बारे में जानते हैं।
ये संकेत बताते हैं कि पितृ हैं नाराज (5 Signs Indicate Your Ancestors Are Angry)
- विवाह में देरी और संतान न होना।
- खाने में बाल का निकलना।
- सपने में पितरों को दुखी देखना।
- बेवजह की चिंता और मन में डर बना रहना।
- मांगलिक कार्यों में लगातार विघ्न पड़ना।
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पितृ पक्ष के दौरान करें ये दान
पितृ पक्ष के दौरान चांदी की वस्तु, गुड़, काले तिल, अन्न दान, नमक, जूते और चप्पल आदि का दान करना चाहिए, क्योंकि ये बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इन चीजों का दान करने से व्यक्ति आने वाली विपत्तियों से बच सकता है। साथ ही पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। यही नहीं व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य भी जाग उठता है।यह भी पढ़ें: Vishwakarma Puja 2024: 16 या 17 सितंबर कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें पूजा मुहूर्त और विधिअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।