Pitru Paksha में जरूर आजमाएं तुलसी से जुड़े ये उपाय, पितरों को होगी मोक्ष की प्राप्ति
पंचांग के अनुसार इस वर्ष पितृ पक्ष का शुभारंभ 17 सितंबर (Kab Se Hai Pitru Paksha 2024) से होगा। वहीं इसका समापन 02 अक्टूबर को होगा। धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए धरती लोक पर आते हैं। पितृ पक्ष में किए गए तुलसी के चमत्कारी उपाय फलदायी साबित होते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष की अवधि को पूर्वजों की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष का शुभारंभ होता है। वहीं, इसका समापन आश्विन माह की अमावस्या तिथि को होता है। पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) में लोग पितृ दोष से मुक्ति और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। माना जाता है तुलसी के उपाय करने से सभी समस्याएं दूर होती हैं। तुलसी के पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी की वास माना जाता है। तुलसी की रोजाना पूजा करने से सुख-समृद्धि और आय में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं तुलसी के इन उपायों के बारे में।
तुलसी के उपाय
- तुलसी के पत्ते को भोजन में शामिल करने से पवित्रता आती है और देवी-देवताओं के भोग में इसके पत्ते को शामिल किया जाता है। ऐसे में अगर आप पितृ पक्ष में पितरों के भोजन में तुलसी के पत्ते को शामिल करते हैं, तो ऐसा करने से जातक के सभी तरह के दोष मिट जाते हैं और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- पितृ पक्ष में तुलसी के पौधे के पास एक कटोरी रखें और हथेली में गंगाजल लेकर इसे धीरे-धीरे कटोरी में डालें। साथ ही सच्चे मन से पितरों को याद करें। पितरों के नाम का 5 से 7 बार जप करें। इसके पश्चात इस जल का पूरे घर छिड़काव करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से घर में उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है। इस उपाय को विधिपूर्वक करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- अगर आप जीवन में पैसों की कमी का सामना कर रहे हैं, तो तुलसी के पत्तों को एक लाल रंग के कपड़े में बांधे और इसे तिजोरी या पर्स में रखें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से धन आगमन के रास्ते खुलने लगते हैं और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।