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Kajari Teej 2024: कजरी तीज का कब करें पारण? नोट करें सही समय

कजरी तीज का व्रत बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है। यह पर्व हर साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसलिए महिलाएं अपने पति की लंबी आयु एवं परिवार की कुशलता के लिए यह व्रत रखती हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 22 Aug 2024 10:26 AM (IST)
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Kajari Teej 2024: कजरी तीज पारण समय -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कजरी तीज का पर्व बेहद महत्वपूर्ण मनाया जाता है। इस दिन हिंदू धर्म की महिलाएं पूर्ण श्रद्धा और पवित्रता के साथ कठिन व्रत का पालन करती हैं। ज्यादातर यह पर्व राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे उत्तरी राज्यों में मनाया जाता है। इस साल यह व्रत 22 अगस्त यानी आज रखा जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत (Kajari Teej 2024) को रखने से पति की दीर्घायु और भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कजरी तीज का पारण किस समय करें?

कजरी तीज व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद कभी भी किया जा सकता है। बता दें, इस शुभ तिथि पर चंद्रोदय रात 08 बजकर 20 मिनट पर होगा।

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कजरी तीज 2024, शुभ योग (Kajari Teej 2024 Shubh Yog)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कजरी तीज पर शिववास योग का निर्माण दोपहर 01 बजकर 47 मिनट पर रहा है। इसके साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। वहीं, गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रात्रि 10 बजकर 05 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। साथ ही अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

और अमृत काल शाम 05 बजकर 47 मिनट से रात 07 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप शिव-पार्वती की पूजा कर उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य करने से सुख-शांति में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।