Kajari Teej 2024: कजरी तीज की पूजा में शामिल करना न भूलें ये चीजें, नोट करें व्रत की सामग्री लिस्ट
हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि कजरी तीज का व्रत किया जाता है। ऐसे में इस साल कजरी तीज का व्रत गुरुवार 22 अगस्त 2024 को किया जाएगा। यह पर्व मुख्य रूप से राजस्थान में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ नीमड़ी माता के भी पूजा का भी विधान है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कजरी तीज का व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं द्वारा किया जाता है। महिलाएं यह व्रत पति की दीर्घायु और संतान की सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह शृंगार कर गौरी-शंकर की पूजा करती हैं और निर्जला व्रत करती हैं। वहीं कुंवारी कन्याओं द्वारा भी यह व्रत योग्य व्रत की प्राप्ति के लिए किया जाता है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं कजरी तीज की सामग्री लिस्ट।
पढ़ें सामग्री लिस्ट (Kajari Teej Puja samagri)
- शंकर-पार्वती की तस्वीर
- तीज माता या नीमड़ी माता की तस्वीर
- पूजा की चौकी
- मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी
- गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत,
- केले के पत्ते, बेलपत्र, नीम की डाली
- कुमकुम, रोली, हल्दी, धूप, दीपक
- माता पार्वती को अर्पित करने के लिए - हरे रंग की साड़ी, चुनरी, बिंदी, चूडियां, कुमकुम, मेहंदी आदि
- धतूरा, दूर्वा, जनेऊ, सुपारी, अक्षत
- नारियल, कलश
- फूल, फूल माला
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इस विधि से करें पूजा (Kajari Teej Puja vidhi)
कजरी तीज व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई कर लें। अब एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद मिट्टी से शिव-पार्वती की मूर्ति बनाएं।
गौरी-शंकर की विधि-विधि पूर्वक पूजा करने के बाद माता पार्वती को शृंगार की सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें दूध, दही बेलपत्र, गंगा जल और अन्य सामग्री अर्पित करें। पूर्ण फल की प्राप्ति के लिए कजरी तीज की कथा का पाठ भी जरूर करें और रात में चंद्र देव की पूजा कर उन्हें अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलें।
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