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Kalashtami 2024: मासिक कालाष्टमी पर अवश्य करें यह एक कार्य, अपार धन की होगी प्राप्ति

सावन महीने में मासिक कालाष्टमी का व्रत 28 जुलाई दिन शनिवार यानी आज रखा जा रहा है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक इस दिन का उपवास रखते हैं और भैरव बाबा की विधि अनुसार पूजा-पाठ करते हैं उन्हें अपार धन की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन काल भैरव अष्टक का पाठ करना भी बेहद शुभ माना गया है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 27 Jul 2024 02:29 PM (IST)
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Kalashtami 2024:काल भैरव अष्टक का पाठ -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kalashtami 2024: सनातन धर्म में मासिक कालाष्टमी का व्रत बहुत खास माना जाता है। यह दिन भगवान शिव के सबसे उग्र रूपों में से एक भगवान भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक इस दिन का उपवास रखते हैं और भैरव बाबा की विधि अनुसार पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके घर में कभी किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती है।

इस दिन 'काल भैरव अष्टक' (Kaal Bhairav ​​Ashtak Stotra) का पाठ करना भी बेहद लाभकारी माना गया है। सावन माह में यह व्रत 28 जुलाई, 2024 दिन शनिवार यानी आज रखा जा रहा है।

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।।काल भैरव अष्टक (Kaal Bhairav Ashtakam Stotram)।।

देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं

व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्।

नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं

नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम्।

कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं

श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम्।

भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं

भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम्।

विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं

कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम्।

स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं

नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम्।

मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं

दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम्।

अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं

काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम्।

नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

।।भैरव स्तुति।।

ॐ जै-जै भैरवबाबा स्वामी जै भैरवबाबा।

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ॐ जै-जै भैरवबाबा स्वामी जै भैरवबाबा।

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