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Kalashtami 2024: ज्येष्ठ माह में कब मनाई जाएगी मासिक कालाष्टमी, यहां जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

मासिक कालाष्टमी का पर्व अपने आप में बेहद खास है इस दिन (Kalashtami 2024) भैरव बाबा की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है जो भक्त भैरव बाबा की पूजा करते हैं वे उनकी सदैव रक्षा करते हैं। साथ ही भय और बाधाओं को दूर करने में उनकी मदद करते हैं। यह पर्व हर माह मनाया जाता है। इस बार यह व्रत 30 मई को रखा जाएगा।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 20 May 2024 03:04 PM (IST)
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Kalashtami 2024: मासिक कालाष्टमी शुभ मुहूर्त -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kalashtami 2024: सनातन धर्म में मासिक कालाष्टमी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस तिथि पर भगवान शिव के उग्र स्वरूप भैरव बाबा की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक इस दिन का उपवास रखते हैं और भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

ज्येष्ठ मास में यह व्रत 30 मई, 2024 दिन गुरुवार को रखा जाएगा। ऐसे में अगर आप भगवान भैरव बाबा की कृपा पाना चाहते हैं, तो आपको इस दिन से जुड़ी कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर करना चाहिए, जो इस प्रकार हैं -

मासिक कालाष्टमी शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 30 मई, 2024 सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 31 मई, 2024 सुबह 9 बजकर 38 मिनट पर होगा। इस बार मासिक कालाष्टमी का व्रत 30 मई दिन गुरुवार को रखा जाएगा।

मासिक कालाष्टमी की पूजा विधि

प्रात: उठकर पवित्र स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अपने मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें। एक चौकी पर भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पंचामृत से उनका अभिषेक करें। इसके बाद उनकी प्रतिमा साफ वस्त्र से पोंछे। उन्हें इत्र लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें।

चंदन का तिलक लगाएं। फल, मिठाई, घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भाव के साथ करें। आरती से अपनी पूजा को पूर्ण करें। अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे। व्रती अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं और उनकी मदद करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।