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Kalashtami 2024: आज मनाई जा रही है सावन माह की पहली कालाष्टमी, ऐसे करें शिव जी के उग्र स्वरूप की पूजा

मासिक कालाष्टमी का पर्व अपने आप में बहुत विशेष होता है। इस दिन (Kalashtami 2024) भैरव बाबा की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक भैरव बाबा की पूजा करते हैं उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही उनकी भय और बाधाओं का नाश होता है। यह पर्व हर माह मनाया जाता है। इस बार यह 28 जुलाई 2024 यानी आज मनाया जा रहा है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 27 Jul 2024 09:55 AM (IST)
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Kalashtami 2024: कालाष्टमी 2024 पूजा विधि -
धर्म डेक्स, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कालाष्टमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग भगवान काल भैरव की पूजा करते हैं। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के आठवें दिन मनाया जाता है। इस माह यह (Kalashtami 2024) 28 जुलाई, 2024 यानी आज मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं।

साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। वहीं, अगर आप किसी भी प्रकार के भय और संकट से घिरे हुए हैं, तो आपको इस दिन का उपवास अवश्य रखना चाहिए। साथ ही भोलेनाथ के इस उग्र स्वरूप की पूजा विधि अनुसार करनी चाहिए।

कालाष्टमी पूजा विधि (Kalashtami Puja Vidhi)

कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद अपने मंदिर को साफ करें। फिर एक वेदी पर भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करें। उनका पंचामृत से अभिषेक करें। प्रतिमा को साफ वस्त्र से पोंछे। उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इत्र लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें।

फल, मिठाई, घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भाव के साथ पाठ करें। आरती से अपनी पूजा समाप्त करें। अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे। व्रती अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं और उनकी मदद करें।

काल भैरव पूजन मंत्र

  • ओम भयहरणं च भैरव:
  • ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्। भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि
  • ॐ ह्रीं बं बटुकाय मम आपत्ति उद्धारणाय। कुरु कुरु बटुकाय बं ह्रीं ॐ फट स्वाहा
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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।