Kalashtami in February 2024: कब है कालाष्टमी? जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि
Kalashtami in February 2024 कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा होती है। भगवान काल भैरव भगवान शिव का उग्र स्वरूप हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त सच्चे भाव के साथ भैरव जी की पूजा करते हैं वे उन्हें हर बुरी ऊर्जा से बचाते हैं। काल भैरव जी की आराधना उन जातकों को करने की सलाह दी जाती है जो नकारात्मक ऊर्जा से पीड़ित हैं।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Thu, 01 Feb 2024 09:19 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Kalashtami in February 2024: सनातन धर्म में कालाष्टमी व्रत बहुत फलदायी माना जाता है। यह दिन भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर भक्त उपवास रखते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए काल भैरव मंदिर जाते हैं। इस माह कालाष्टमी माघ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 2 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी।
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कालाष्टमी तिथि
अष्टमी तिथि की शुरुआत - 2 फरवरी अष्टमी तिथि का समापन - 3 फरवरी
कालाष्टमी का धार्मिक महत्व
कालाष्टमी हिंदुओं में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा का विधान है। भगवान काल भैरव भगवान शिव का उग्र स्वरूप हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग पूरे समर्पण और भाव के साथ उनकी पूजा करते हैं, वे उन्हें हमेशा हर बुरी ऊर्जा से बचाते हैं।
काल भैरव जी की आराधना उन जातकों को करने की सलाह दी जाती है, जो किसी भी प्रकार के काले जादू, बुरी नजर के प्रभाव और नकारात्मक ऊर्जा से पीड़ित हैं। इसके अलावा इस शुभ दिन पर तामसिक गतिविधियों में शामिल होने से भी बचना चाहिए।
कालाष्टमी पूजा विधि
- भक्त सुबह जल्दी उठकर पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले स्नान करें।
- मंदिर को अच्छी तरह से साफ कर लें।
- एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान काल भैरव की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीया जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ करें।
- किसी भी प्रकार की तामसिक गतिविधि में शामिल न हों।
- फल, मिठाई का भोग लगाएं।
- अंत में काल भैरव की आरती का पाठ भाव के साथ करें।
- शाम को भक्त सात्विक भोजन से ही अपना व्रत खोलें।