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Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर मंगलकारी शुभ योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग

कालाष्टमी तिथि पर तांत्रिक निशा काल में कठिन भक्ति कर आराध्य काल भैरव देव को प्रसन्न करते हैं। उनकी कृपा से साधक को विशेष विद्या में प्रवीणता हासिल होती है। ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख कालाष्टमी पर मंगलकारी शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में काल भैरव देव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 24 Apr 2024 05:26 PM (IST)
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Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर मंगलकारी शुभ योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kalashtami 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, 01 मई को कालाष्टमी है। यह पर्व हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि प्राप्ति हेतु व्रत-उपवास रखा जाता है। कालाष्टमी तिथि पर तांत्रिक निशा काल में कठिन भक्ति कर आराध्य काल भैरव देव को प्रसन्न करते हैं। उनकी कृपा से साधक को विशेष विद्या में प्रवीणता हासिल होती है। ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख कालाष्टमी पर मंगलकारी शुभ योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में काल भैरव देव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी 01 मई को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी और 02 मई को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 01 मई को कालाष्टमी व्रत रख सकते हैं।

योग

कालाष्टमी पर मंगलकारी शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 08 बजकर 02 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शुभ और शुक्ल योग को श्रेष्ठ मानते हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को कई गुना फल प्राप्त होगा।

शिववास

ज्योतिषीय गणना के अनुसार 01 मई यानी कालाष्टमी तिथि पर शिववास का योग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव, जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती के साथ रहेंगे। इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

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डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'