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Kalashtami Vrat 2024: आज मनाई जाएगी आषाढ़ माह की कालाष्टमी, जानें पूजा मुहूर्त और शुभ योग

मासिक कालाष्टमी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन साधक व्रत रखने के साथ भैरव बाबा की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पूजा से सभी दुखों का नाश होता है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यह पर्व हर माह मनाया जाता है। इस बार यह 28 जून को मनाया जाएगा।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Fri, 28 Jun 2024 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2024 09:00 AM (IST)
Kalashtami Vrat 2024: आषाढ़ कालाष्टमी शुभ योग -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी का व्रत बहुत महत्व रखता है। इस दिन भगवान शिव के सबसे उग्र रूपों में से एक काल भैरव की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार के भयों और बाधाओं से रक्षा होती है। इस बार मासिक कालाष्टमी 28 जून यानी आज के दिन मनाई जाएगी।

अगर आप भैरव बाबा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको इस दिन का व्रत अवश्य रखना चाहिए, तो आइए इस दिन बनने वाले शुभ योग के बारे में जानते हैं -

आषाढ़ कालाष्टमी व्रत 2024 कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 28 जून दिन शुक्रवार को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर आषाढ़ माह के ​कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, इसका समापन 29 जून, 2024 दिन शनिवार को दोपहर 02 बजकर 19 मिनट पर होगा। इस तिथि पर निशिता काल का महत्व है, जिसके चलते हैं आषाढ़ कालाष्टमी का व्रत 28 जून यानी आज के दिन ही रखा जाएगा।

इसके अलावा कालाष्टमी व्रत की पूजा 29 जून रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट के बीच की जा सकती है।

आषाढ़ कालाष्टमी शुभ योग

इस बार कालाष्टमी के दिन एक नहीं तीन शुभ योग का निर्माण हो रहा है। दरअसल, इस तिथि पर रवि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग की युति बन रही है। रवि योग सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। वहीं, सौभाग्य योग भोर से लेकर रात्रि 09 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। फिर शोभन योग की शुरुआत होगी।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


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