Kalki Jayanti 2024: कल्की जयंती पर करें इन नामों का जाप, मिलेगी सभी पापों से मुक्ति
कल्की जयंती का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान कल्की की पूजा होती है। यह पर्व हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 10 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भाव के साथ पूजा-अर्चना करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कल्कि जयंती का सनातन धर्म में बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है, क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु के आने वाले अवतार के आगमन को लेकर मनाया जाता है। भगवान कल्कि भगवान विष्णु के 10वे और अंतिम अवतार माने जाते हैं। हिंदू पचांग के अनुसार, सावन माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती मनाई जाती है और इस साल यह 10 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है।
इस शुभ अवसर पर (Kalki Jayanti 2024) भगवान विष्णु के साथ उनके 10वें अवतार की पूजा करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। वहीं, इस मौके पर उनके 108 नामों का जाप अवश्य करना चाहिए। इससे सभी पापों का नाश होता है।
।।भगवान कल्कि के 108 नाम।।
- ॐ कल्किने नमः
- ॐ कल्किने नमः
- ॐ कल्किहन्त्रे नमः
- ॐ कल्किजिते नमः
- ॐ कलिमारकाय नमः
- ॐ कल्क्यलभ्याय नमः
- ॐ कल्मषघ्नाय नमः
- ॐ कल्पितक्षोणिमङ्गलाय नमः
- ॐ कलिताश्वाकृतये नमः
- ॐ कन्तुसुन्दराय नमः
- ॐ कञ्जलोचनाय नमः
- ॐ कल्याणमूर्तये नमः
- ॐ कमलाचित्तचोराय नमः
- ॐ कलानिधये नमः
- ॐ कमनीयाय नमः
- ॐ कलिनिशाकल्यनाम्ने नमः
- ॐ कनत्तनवे नमः
- ॐ कलानिधिसहस्राभाय नमः
- ॐ कपर्दिगिरि सन्निभाय नमः
- ॐ कन्दर्पदर्पदमनाय नमः
- ॐ कण्ठीरवपराक्रमाय नमः
- ॐ कन्धरोच्चलितश्वेतपटानिर्धूतकन्धराय नमः
- ॐ कठोरहेषानिनदत्रासिताशेषमानुषाय नमः
- ॐ कवये नमः
- ॐ कवीन्द्रसंस्तुत्याय नमः
- ॐ कमलासन सन्नुताय नमः
- ॐ कनत्खुराग्रकुलिशचूर्णीकृताखिलाचलाय नमः
- ॐ कचित्तदर्पदमनगमनस्तम्भिताहिपाय नमः
- ॐ कलाकुलकलाजालचलवालामलाचलाय नमः
- ॐ कल्याणकान्तिसन्तान पारदक्षालिताखिलाय नमः
- ॐ कल्पद्रुकुसुमाकीर्णाय नमः
- ॐ कलिकल्पमहीरुहाय नमः
- ॐ कचन्द्राग्नीन्द्ररुद्रादि बुधलोकमयाकृतये नमः
- ॐ कञ्जासनाण्डामितात्मप्रतापाय नमः
- ॐ कन्धिबन्धनाय नमः
- ॐ कठोरखुरविन्यासपीडिताशेषभूतलाय नमः
- ॐ कबलीकृतमार्ताण्डहिमांशुकिरणाङ्कुराय नमः
- ॐ कदर्थीकृतरुद्रादिवीरवर्याय नमः
- ॐ कठोरदृशे नमः
- ॐ कविलोकामृतासारवर्षायितदृगावलये नमः
- ॐ कदात्मायुर्घृतग्राहिकोपाग्निरुचिदृक्ततये नमः
- ॐ कठोरश्वासनिर्धूतखलतुलावृताम्बुधये नमः
- ॐ कलानिधिपदोद्भेदलीलाकृतसमुत्प्लवाय नमः
- ॐ कठोरखुरनिर्भेदक्रोशदाकाशसंस्तुताय नमः
- ॐ कञ्जास्याण्डबिभित्सोर्थ्वदृष्टिश्रुतियुगाद्भुताय नमः
- ॐ कनत्पक्षद्वयव्याजशङ्खचक्रोपशोभिताय नमः
- ॐ कदर्थीकृतकौबेरशङ्खश्रुतियुगाञ्चिताय नमः
- ॐ कलितांशुगदावालाय नमः
- ॐ कण्ठसन्मणिविभ्रमाय नमः
- ॐ कलानिधिलसत्फालाय नमः
- ॐ कमलालयविग्रहाय नमः
- ॐ कर्पूरखण्डरदनाय नमः
- ॐ कमलाबडबान्विताय नमः
- ॐ करुणासिन्धुफेनान्तलम्बमानाधरोष्टकाय नमः
- ॐ कलितानन्तचरणाय नमः
- ॐ कर्मब्रह्मसमुद्भवाय नमः
- ॐ कर्मब्रह्माब्जमार्ताण्डाय नमः
- ॐ कर्मब्रह्मद्विडर्दनाय नमः
- ॐ कर्मब्रह्ममयाकाराय नमः
- ॐ कर्मब्रह्मविलक्षणाय नमः
- ॐ कर्मब्रह्मात्यविषयाय नमः
- ॐ कर्मब्रह्मस्वरूपविदे नमः
- ॐ कर्मास्पृष्टाय नमः
- ॐ कर्मवीराय नमः
- ॐ कल्याणानन्दचिन्मयाय नमः
- ॐ कञ्जासनाण्डजठराय नमः
- ॐ कल्पिताखिलविभ्रमाय नमः
- ॐ कर्मालसजनाज्ञेयाय नमः
- ॐ कर्मब्रह्ममतासहाय नमः
- ॐ कर्माकर्मविकर्मस्थाय नमः
- ॐ कर्मसाक्षिणे नमः
- ॐ कभासकाय नमः
- ॐ कचन्द्राग्न्युडुतारादिभासहीनाय नमः
- ॐ कमध्यगाय नमः
- ॐ कचन्द्रादित्यलसनाय नमः
- ॐ कलावार्ताविवर्जिताय नमः
- ॐ करुद्रमाधवमयाय नमः
- ॐ कलाभूतप्रमातृकाय नमः
- ॐ कलितानन्तभुवनसृष्टिस्थितिलयक्रियाय नमः
- ॐ करुद्रादितरङ्गाध्यस्वात्मानन्दपयोदधये नमः
- ॐ कलिचित्तानन्दसिन्धुसम्पूर्णानङ्कचन्द्रमसे नमः
- ॐ कलिचेतस्सरोहंसाय नमः
- ॐ कलिताखिलचोदनाय नमः
- ॐ कलानिधिवरज्योत्स्नामृतक्षालितविग्रहाय नमः
- ॐ कपर्दिमकुटोदञ्चद्गङ्गापुष्करसेविताय नमः
- ॐ कञ्जासनात्ममोदाब्धितरङ्गार्द्रानिलार्चिताय नमः
- ॐ कलानिधिकलाश्वेतशारदाम्बुदविग्रहाय नमः
- ॐ कमलावाङ्मरन्दाब्धिफेनचन्दनचर्चिताय नमः
- ॐ कलितात्मानन्दभुक्तये नमः
- ॐ करुङ्नीराजिताकृतये नमः
- ॐ कश्यपादिस्तुतख्यातये नमः
- ॐ कविचेतस्सुमार्पणाय नमः
- ॐ कलिताकार सद्धर्माय नमः
- ॐ कलाफलमयाकृतये नमः
- ॐ कठोरखुरघातात्तप्राणाधर्मवशवे नमः
- ॐ कलिजिते नमः
- ॐ कलापूर्णीकृतवृषाय नमः
- ॐ कल्पितादियुगस्थितये नमः
- ॐ कम्राय नमः
- ॐ कल्मषपैशाचमुक्ततुष्टधरानुताय नमः
- ॐ कर्पूरधवलात्मीय कीर्तिव्याप्तदिगन्तराय नमः
- ॐ कल्याणात्मयशोवल्लीपुष्पायितकलानिधये नमः
- ॐ कल्याणात्मयशस्सिन्धुजाताप्सरसनर्तिताय नमः
- ॐ कमलाकीर्तिगङ्गाम्भः परिपूर्णयशोम्बुधये नमः
- ॐ कमलासनधीमन्थमथितानन्दसिन्धुभुवे नमः
- ॐ कल्याणसिन्धवे नमः
- ॐ कल्याणदायिने नमः
- ॐ कल्याणमङ्गलाय नमः
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