Kalyug: कलयुग में इन कार्यों को करने से मिल सकता है लाभ, पाप से रहेंगे कोसो दूर
चारों युगों यानी सत्ययुग त्रेतायुग द्वापरयुग और कलियुग में से कलयुग में पाप की मात्रा सबसे अधिक मानी गई है। जिसके उदाहरण आज आज अनायास ही देखने को मिल जाते हैं।यही कारण है कि कलयुग को चारों युगों में सबसे कमत्तर माना गया है। ऐसे में आप कलयुग में इन कार्यों को करके बुरे परिणामों से बचे रह सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Life in kalyug: सभी युगों में कलयुग का कालखंड सबसे छोटा माना गया है। इस युग में भगवान विष्णु के अवतार कल्कि के जन्म लेने का भी वर्णन मिलता है। आज के समय में इतनी भागदौड़ हो गई है कि लोग अपने लिए भी समय नहीं निकाल पाते। ऐसे में आप इस कलयुग में इन बातों का ध्यान रखेंगे तो कई तरह की समस्याओं से बच सकते हैं।
इस बातों का रखें ध्यान
कलयुग में पाप अपने चरम पर है। ऐसे में यदि आपको पाप मुक्त रहना है, तो खुश को अंहकार, क्रोध और वासना से दूर रहें। अत्यधिक किसी पर भी भरोसा करने से बचें। दूसरों के साथ बुरा न करें। कलयुग में मनुष्य की आयु अन्य युगों के मुकाबले सबसे कम है। ऐसे में सबसे जरूरी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना है।
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करें इन मंत्रों का जाप
कलयुग के बुरे परिणामों से बचने के लिए मंत्रों का जाप सबसे बेहतर माना गया है। ऐसे में आप रोजाना श्रद्धापूर्वक इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। साथ ही आप भगवान के नाम का जाप करके भी लाभ देख सकते हैं। हो सके तो इन मंत्रों या फिर नाम जाप कम-से-कम 108 बार जरूर करना चाहिए।
- ‘ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ गायत्री मंत्र
- ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’।
सुबह करें ये काम
प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहने अपने आराध्य देव का ध्यान करें। इसके बाद, अपनी दोनों हथेली को आपस में जोड़कर इस समय निम्न मंत्र का जाप करें। रोजाना इस कार्य को करने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।'कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥'
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