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Kalyug Predictions: सतयुग से लेकर कलयुग तक में मानव में आए हैं ये बदलाव, जानकर हैरान रह जाएंगे आप

Kalyug Predictions in Hindi चारों युगों में मनुष्य के व्यवहार से लेकर उसकी शारीरिक संरचना में कुछ मूलभूत बदलाव आए हैं। साथ ही शास्त्रों में यह भी वर्णन मिलता है कि कलयुग में पाप अपने चरम पर होगा। ऐसे में यह जानना रोचक होगा कि चारों युगों में मानव में क्या-क्या बदलाव आए हैं और कलयुग से पहले का मानव कैसा था।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 24 Jan 2024 01:17 PM (IST)
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Kalyug Predictions in Hindi सतयुग से लेकर कलयुग तक में मानव में आए हैं ये बदलाव।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kalyug Story: हिंदू शास्त्रों की दृष्टि से अवधि को चार युगों में बांटा गया है - सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। जिस युग में हम आज जी रहे हैं वह कलयुग है। इसकी अवधि चारों युगों में सबसे कम मानी गई है। इसके हर युग की अवधि में भी बदलाव आए और आने वाली हर अवधि पहले की युग की अवधि से छोटी होती गई।

सतयुग

सतयुग युग की अवधि शास्त्रों में लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष बताई गई है। सतयुग जो सबसे पहला युग बताया जाता है, इसमें देवी-देवता पृथ्वी लोक पर मनुष्य की तरह ही रहते थे। माना जाता है कि सतयुग में मनुष्य की लम्बाई कम से कम 21 हाथ होती थी। सतयुग के मनुष्य की आयु भी 2 लाख वर्ष होती बताई गई है। सतयुग को एक प्रकार से धर्म का युग भी कहा जा सकता है और युग में पाप का कोई स्थान नहीं था। इस युग में भगवान विष्णु के चार अवतार हुए - मत्स्य ,कच्छप, वराह और नरसिंह।

त्रेतायुग

शास्त्रों में त्रेतायुग की अवधि लगभग 12 लाख 28 हजार बताई गई है। इस युग में भगवान श्री राम के रूप में भगवान विष्णु ने धरती पर अवतार लिया और रावण का वध किया। साथ ही इस युग में मनुष्य की आयु लगभग 10,000 वर्ष होती थी और मनुष्य की लम्बाई 21 फीट होती थी। राम के अलावा वामन अवतार, परशुराम के अवतार भी इसी युग में हुए हैं।

द्वापरयुग

शास्त्रो में बताया गया है कि द्वापर युग की अवधि लगभग 8 लाख 64 हजार है। इस युग में भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लेकर कई लीलाएं की रची और कंस का संहार किया। इस युग में मनुष्य की आयु लगभग 1000 वर्ष बताई गई है। वहीं, मनुष्य की लंबाई 11 फीट हुआ करती थी।

कलयुग

वर्तमान में अंतिम युग अर्थात कलयुग चल रहा है जिसकी अवधि तीनों युगों में सबसे कम यानी 4 लाख 32 हजार वर्ष है। इस युग में मनुष्य की आयु लगभग 100 वर्ष बताई गई है। इसके साथ ही मनुष्य की औसत लम्बाई लगभग 5.5 फिट तक ही रह गई है। गंगा नदी को कलियुग का तीर्थ कहा गया है। इसके साथ ही इस युग में पाप की मात्रा सबसे अधिक है। साथ ही शास्त्रों में बताया गया है कि इस युग में कल्कि अवतार का जन्म होगा, जो अर्धम का नाश करके पुनः धर्म की स्थापना करेंगे। 

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'