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Kamika Ekadashi 2024: भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं ये भोग, चढ़ाने से मिलेगा मनचाहा फल!

कामिका एकादशी के दिन श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन कठिन व्रत का पालन करते हैं और पूजा-पाठ करते हैं उन्हें सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में शुभता का आगमन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कामिका एकादशी 31 जुलाई को मनाई जाएगी।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 26 Jul 2024 04:04 PM (IST)
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Kamika Ekadashi: श्री हरि प्रिय भोग -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी का दिन अत्यंत पावन माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। इस पवित्र दिन पर भक्त भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके लिए उपवास रखते हैं। कामिका एकादशी श्रावण माह के कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है। इस साल यह 31 जुलाई, 2024 को मनाई जाएगी, तो आइए श्री हरि को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग के बारे में जानते हैं -

श्री हरि प्रिय भोग

कामिका एकादशी के दिन श्री हरि को पंचमेवा, केसर की मिठाई, मखाने की खीर, पंचामृत-पंजीरी और ऋतु फल आदि का भोग लगाएं। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होगी और घर में सुख-समृद्धि का वास होगा। ऐसा माना जाता है कि श्री नारायण को ये भोग बेहद प्रिय हैं, ऐसे में एकादशी के शुभ अवसर पर उन्हें ये प्रसाद जरूर अर्पित करें। इससे आपके घर की सारी नकारात्मकता समाप्त हो जाएगी।

इस दिन मनाई जाएगी कामिका एकादशी

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई, 2024 को शाम 04 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 31 जुलाई, 2024 को दोपहर 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए कामिका एकादशी का व्रत 31 जुलाई 2024 को रखा जाएगा। साथ ही इसका पारण 1 अगस्त 2024 को सुबह 05 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 24 मिनट के बीच होगा।

भगवान विष्णु पूजन मंत्र

1. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

2. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।