Kamika Ekadashi 2024: कामिका एकादशी पर इन 7 कार्यों से दूरी है जरूरी, वरना हो सकते हैं कंगाल!
कामिका एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और भक्त इसे बड़े भाव के साथ मनाते हैं। यह हर साल श्रावण माह के कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह एकादशी 31 जुलाई को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि इस तिथि पर कुछ ऐसी बातें हैं जिनका पालन अवश्य करना चाहिए वरना विष्णु जी नाराज हो जाते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदुओं में एकादशी व्रत का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस शुभ दिन पर, लोग व्रत रखते हैं और पूर्ण समर्पण के साथ भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। कामिका एकादशी सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इस साल यह एकादशी 31 जुलाई, 2024 को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए।
इससे आपके जीवन में किसी भी प्रकार के ऐशोआराम की कमी नहीं होती है। सावन में पड़ने की वजह से यह दिन शिव पूजन के लिए भी विशेष माना जाता है, तो आइए इस महत्वपूर्ण दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं -
कामिका एकादशी पर न करें ये काम
- कामिका एकादशी के दिन अनाज का सेवन वर्जित माना गया है।
- इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहना बेहद जरूरी होता है।
- इस तिथि पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे आजीवन दरिद्रता का सामना करना पड़ता है।
- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन बहुत आवश्यक होता है।
- इस दिन किसी के साथ विवाद नहीं करना चाहिए।
- इस तिथि पर किसी के बारे में बुरा बोलने से बचना चाहिए।
- इस दिन गलती से भी बड़ों और महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
कामिका एकादशी कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई 2024, को शाम 04 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 31 जुलाई 2024 को दोपहर 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए कामिका एकादशी का व्रत 31 जुलाई 2024 को रखा जाएगा।
वहीं, इसका पारण 1 अगस्त 2024 को सुबह 05 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 24 मिनट के बीच होगा।
यह भी पढ़ें: Kamika Ekadashi 2024 : कामिका एकादशी पर करें देवी तुलसी की खास पूजा, घर की नकारात्मकता होगी दूरअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।