Move to Jagran APP

Kanwar Yatra 2022: आज से शुरू हुई कांवड़ यात्रा, जरूर ध्यान रखें ये नियम

Kanwar Yatra 2022 सावन यात्रा शुरू होती ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है जो सावन शिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ को जल से अभिषेक करने के साथ समाप्त होती है। अगर आप भी इस बार कांवड़ यात्रा कर रहे हैं तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

By Shivani SinghEdited By: Updated: Thu, 14 Jul 2022 07:58 AM (IST)
Hero Image
Kanwar Yatra 2022: कांवड़ यात्रा के दौरान इन नियमों का जरूर करें पालन
नई दिल्ली, Kanwar Yatra 2022:  सावन शुरू होते ही आज से कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान भक्तगण पूरी श्रद्धाभाव के साथ पवित्र नदी का जल कलश (कांवड़) में भरकर लंबी यात्रा करके सावन शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। कांवड़ यात्रा 14 जुलाई 2022 से शुरू हो रही है जो 26 जुलाई को सावन शिवरात्रि के साथ समाप्त होगी।  कांवड़ यात्रा के दौरान भक्त गंगा नदी से पवित्र जल कांवड़ में भरकर लाते हैं और लंबी दूरी तय करके सावन शिवरात्रि के दिन भोले बाबा का जलाभिषेक करेंगे। माना जाता है कि जलाभिषेक करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और मनचाही मुराद पूरी करते हैं। आइए जानते हैं कांवड़ यात्रा से जुड़ें किन नियमों का पालन करना है बेहद जरूरी।

Sawan 2022: सावन मास में बिल्कुल भी न करें ये काम, भगवान शिव हो जाएंगे रुष्ट

कांवड़ यात्रा के नियम

  • कांवड़ यात्रा को काफी पवित्र यात्रा मानी जाती है। ऐसे में इस यात्रा में सम्मिलित होने वाले व्यक्ति को पवित्रता का पूरा ध्यान रखना चाहिए। बिना नहाए कांवड़ को नहीं छूना चाहिए।
  • कावड़ यात्रा के दौरान अगर आप किसी जगह विश्राम करना चाहते हैं, तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जल से भरे हुए कांवड़ को जमीन में बिल्कुल न रखें बल्कि किसी ऊंचे स्थान में रखें।
  • कांवड़ यात्रा के दौना मांस- मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए। जितना हो सके सात्विक भोजन करना चाहिए।
  • कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए। बल्कि भक्ति भाव के साथ यात्रा करनी चाहिए।
Sawan 2022: कावड़ यात्रा के अलावा भगवान शिव की ये यात्राएं भी है प्रसिद्ध, क्या आप गए हैं इन जगहों पर?

  • कांवड़ यात्रा के दौरान अगर गंगा नदी का जल नहीं मिल रहा है, तो किसी बहती नहीं का जल भर सकते हैं। लेकिन कुंए या फिर तालाब का नहीं भरना चाहिए।
  • कांवड़ यात्रा पूरी तरह से नंगे पाव करनी चाहिए। यात्रा प्रारंभ होने से पहले और समाप्त होने के बाद वाहन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह के बुरे विचार मन में नहीं आने चाहिए। बल्कि भगवान की भक्ति करते हुए यात्रा करनी चाहिए।
Pic Credit- Instagram/unpluggedtvindia

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'