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Kanya Puja 2024: कन्या पूजन में की गई ये गलतियां खत्म कर सकती हैं आपका सारा पुण्य!

सनातन धर्म में कन्याओं को पवित्रता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उनके पास देवी दुर्गा की ऊर्जा और शक्ति होती है। कन्या पूजा (Kanya Puja 2024) कन्याओं का सम्मान करने और उनकी शक्ति को स्वीकार करने का एक तरीका है। इसके साथ ही इस पवित्र आयोजन का पालन करने से साधक को समृद्धि उर्वरता और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 05 Oct 2024 02:53 PM (IST)
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Kanya Puja 2024: कन्या पूजन के दौरान न करें ये गलतियां।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कन्या पूजन को शारदीय नवरात्र का अहम भाग माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसके बिना कुमारी पूजा अधूरी होती है। यह अनुष्ठान हिंदू संस्कृति में बहुत महत्व रखता है और नवरात्रि के आठवें या नौवें दिन इसे बेहद समर्पण और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस साल कन्या पूजा 10 या 11 अक्टूबर को की जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें गलती से भी कुमारी पूजन (Kanya Puja 2024) में नहीं करना चाहिए, तो आइए उनके बारे में जानते हैं।

कन्या पूजन के दौरान न करें ये गलतियां (Kanya Puja 2024 Me Na karen Ye Kaam)

  • कन्याओं की पूजा मां दुर्गा का ध्यान करते हुए करें।
  • जिस स्थान पर कन्या पूजन करना हो, उसे गंदा न रखें, इससे देवी मां नाराज हो सकती हैं।
  • कन्याओं को भूलसे भी डांटे नहीं और नाही ऊंची आवाज में बातें करें।
  • कन्याओं के आते ही उन्हें तुरंत आसन पर आपको नहीं बैठाना चाहिए,पहले उनका हार्दिक स्वागत करना चाहिए।
  • पूजन में तामसिक चीजों को शामिल करने से बचना चाहिए।
  • कन्याओं का तिलक दक्षिण दिशा की ओर मुख करके नहीं करना चाहिए।
  • बिना बालक के कन्या पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है, क्योंकि लड़कों को भगवान भैरव का स्वरूप माना जाता है।
  • बिना दक्षिणा और उपहार के कन्याओं को विदा नहीं करना चाहिए।
  • कन्याओं को गलती से भी अपना पैर न छूने दें, यह बहुत बड़ा अपराध माना जाता है।
  • बिना भेद-भाव के कन्या पूजन करें।

कन्या पूजा का शुभ मुहूर्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गा अष्टमी या नवमी तिथि को कन्या पूजा किया जाता है। दुर्गा अष्टमी के दिन सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट के बीच आप मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं। वहीं, अष्टमी तिथि शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 07 बजकर 44 मिनट से 09 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप कन्या पूजन भी कर सकते हैं। हालांकि नवरात्र के सभी दिन और समय कन्या पूजन के लिए शुभ हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।