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Kanya Sankranti 2024: सितंबर महीने में कब मनाई जाएगी कन्या संक्रांति? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक रहते हैं। इसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन की तिथि पर संक्रांति (Kanya Sankranti 2024) मनाई जाती है। सूर्य देव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जातक सेहतमंद रहता है। इस शुभ अवसर पर साधक भक्ति भाव से सूर्य देव की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 22 Aug 2024 07:02 PM (IST)
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Kanya Sankranti 2024: कन्या संक्रांति का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kanya Sankranti 2024: सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। इसके साथ ही पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। यह पर्व सूर्य देव के राशि परिवर्तन की तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव की उपासना की जाती है। धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा (Kanya Sankranti Puja Vidhi) करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। आइए, कन्या संक्रांति तिथि की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं।

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सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2024)

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, वर्तमान समय में सूर्य देव सिंह राशि में विराजमान हैं। इस राशि में सूर्य देव 15 सितंबर तक रहेंगे। इसके अगले दिन यानी 16 सितंबर को सूर्य देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव 16 सितंबर को संध्याकाल 07 बजकर 42 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान 26 सितंबर को हस्त नक्षत्र और 10 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र में गोचर करेंगे। वहीं, 17 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 42 मिनट पर सूर्य देव तुला राशि में गोचर करेंगे।

कन्या संक्रांति शुभ मुहूर्त (Kanya Sankranti Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार कन्या संक्रांति तिथि पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 25 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 25 मिनट तक है। साधक पुण्य काल के दौरान स्नान-ध्यान कर दान-पुण्य कर सकते हैं। वहीं, महा पुण्य काल के समय दान-पुण्य कर सकते हैं। कन्या संक्रांति के दिन महा पुण्य काल 02 घंटे 03 मिनट का है।

कन्या संक्रांति शुभ योग ( Kanya Sankranti Shubh Yog)

कन्या संक्रांति पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन सुबह 11 बजकर 42 मिनट पर होगा। वहीं, रवि योग का संयोग संध्याकाल से बन रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन देवों के देव महादेव दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक नंदी पर विराजमान रहेंगे।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।