Kartik Maas 2024: कब से शुरू हो रहा है कार्तिक मास? जानें इसका धार्मिक महत्व और नियम
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024) तिथि के समापन के बाद कार्तिक मास की शुरुआत होती है। इस महीने में विधिपूर्वक जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस माह में विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां करने शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कार्तिक मास (Kartik Month 2024 Start Date) के धार्मिक महत्व के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास आठवां महीना होता है। इस महीने में भगवान विष्णु लंबे समय के विश्राम के बाद जगते हैं। इसी वजह से कार्तिक मास (Kartik Month 2024 Start Date) को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस मास में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करने से जातक को सभी तरह के संकटो से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। चलिए इस लेख में हम आपको बताएंगे कब से शुरू हो रहा है कार्तिक मास और इसके नियम के बारे में।
कार्तिक मास 2024 (Kartik Month 2024 Start And End Date)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की शुरुआत 18 अक्टूबर (Kab Se Kartik Month 2024) से होगी। वहीं, इसका समापन अगले महीने यानी 15 नवंबर को होगा।
कार्तिक मास का धार्मिक महत्व (Kartik Maas Importance)
इस मास में रोजाना सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस मास में भजन-कीर्तन, दीपदान और तुलसी के पोधे की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। कार्तिक मास में करवा चौथ, दिवाली भाई दूज, समेत कई अन्य पर्व मनाए जाते हैं।
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कार्तिक मास के नियम
- ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने (Kartik Maas 2024 Niyam) में श्रीहरि में जल में वास करते हैं। कार्तिक मास को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है।
- इस माह में रोजाना श्रीहरि और माता लक्ष्मी (Maa Lakshmi Puja Vidhi) की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
- तुलसी के पौधे (Tulsi Ke Upay) की उपासना जरूर करें और सुबह एवं शाम को देसी घी का दीपक जलाएं।
- इसके अलावा श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में गर्म कपड़े, अन्न और धन का दान करना फलदायी सबित होता है।
- प्रतिदिन विधिपूर्वक गीता का पाठ करें और मंदिर, नदी, तीर्थ स्थान में दीपक जलाएं।
इन कार्यों से बनाएं दूरी
- कार्तिक के महीने में तामसिक चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
- किसी से बातचीत के दौरान गलत शब्द का प्रयोग न करें।
- तन और मन की स्वच्छता को बनाए रखें।
- किसी भी पशु-पक्षी को नुकसान न पहुचाएं।
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