Masik Janmashtami 2024: कार्तिक महीने में कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि
हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिवस मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। वहीं हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2024) मनाई जाती है। इस व्रत को करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 20 Oct 2024 03:56 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित पर्व मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2024) मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक पर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बरसती है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।
मासिक जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Krishna Janmashtami Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) को देर रात 01 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 25 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 58 पर समाप्त होगी। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा निशा काल में होती है। इसके लिए 24 अक्टूबर को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।यह भी पढ़ें: कार्तिक महीने में कब है कालाष्टमी? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त
मासिक जन्माष्टमी शुभ योग (Masik Krishna Janmashtami Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही साध्य योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट परचंद्रोदय- रात 11 बजकर 55 मिनट परचंद्रास्त- दिन 01 बजकर 25 मिनट परब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से 06 बजकर 08 मिनट तक निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तकयह भी पढ़ें: कार्तिक मास में दीपक जलाने का है विशेष महत्व, जानें इसके पूजा नियम अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।